उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या अब तक बढ़कर 305 हो गयी है, जिनमें से 159 मामले तबलीगी जमात से जुडे हैं। लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद खोले जाने संबंधी मीडिया खबरों के बीच सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि तबलीगी जमात के मरीजों की संख्या आधे से भी ज्यादा है, ऐसे में संवेदनशीलता बढने के कारण यह कहा नहीं जा सकता कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं। अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”कुल 305 मामले प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के आये हैं और इनमें से 159 मामले तबलीगी जमात से जुडे हैं। तबलीगी जमात से जुडे मरीजों की संख्या आधे से भी अधिक है। इसके कारण संवेदनशीलता बढी है।’’ अवस्थी ने कहा कि पहले चरण में उन लोगों को देख रहे हैं जो मरीज हैं यानी 159 लोगों को देख रहे हैं। दूसरे चरण में उन ‘बी’ श्रेणी के लोगों को देख रहे हैं जो 159 लोगों से जुडे हैं और तीसरे चरण में ‘सी’ श्रेणी के लोगों को देख रहे हैं जो ‘बी’ श्रेणी से जुडे हैं।
उन्होंने कहा, ”संवेदनशीलता बढने के कारण 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं, कहा नहीं जा सकता। एक भी मामला अगर प्रदेश में रह जाता है तो लॉकडाउन खोलना उचित नहीं होगा क्योंकि जितनी भी व्यवस्था लॉकडाउन के संबंध में की गयी और उससे जो फायदा हुआ, मामले काबू में आये हैं ….. एक भी मामला रह जाता है तो लॉकडाउन खोलने पर वापस वही :खराब: स्थिति आ जाएगी।’’अवस्थी ने पुन: स्पष्ट किया कि पिछले चार पांच दिन में मरीजों की जो संख्या बढी है, उसे देखते हुए लॉकडाउन खुलेगा या नहीं, यह कहना ‘जल्दबाजी’ होगी। कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या बढने की वजह से संवेदनशीलता बढ गयी है।उन्होंने बताया कि कल से आज तक में 27 मामले सामने आये है। इनमें से 21 मामलों के तबलीगी जमात ये जुड़े होने की पुष्टि हुई है । आगरा से दो मामले हैं, लखनऊ से पांच मामले हैं (सभी तबलीगी जमात), गौतमबुद्ध नगर से तीन, कानपुर से एक (तबलीगी जमात), शामली से पांच (सभी तबलीगी जमात), कौशाम्बी से एक, बिजनौर से एक (तबलीगी जमात), सीतापुर से आठ (सब तबलीगी जमात) और प्रयागराज से एक (तबलीगी जमात) का मामला है।
अवस्थी ने बताया कि तबलीगी जमात के सबसे ज्यादा मामले आगरा में 29 हैं । लखनऊ में 12, गाजियाबाद में 14, लखीमपुर खीरी में तीन, कानपुर सात, वाराणसी चार, शामली 13, जौनपुर दो, बागपत एक, मेरठ 13, हापुड तीन, गाजीपुर पांच, आजमगढ तीन, फिरोजाबाद चार, हरदोई एक, प्रतापगढ तीन, सहारनपुर 13, शाहजहांपुर एक, बांदा दो, महाराजगंज छह, हाथरस चार, मिर्जापुर दो, रायबरेली दो, औरैया एक, बिजनैर एक, सीतापुर आठ, प्रयागराज एक और बाराबंकी में एक मामला है।उन्होंने कहा, ”प्रदेश में जब तक एक भी मामला कोरोना वायरस संक्रमण का बच जाता है, लॉकडाउन नहीं खोलेंगे।’’उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच की सुविधा मजबूत करने के निर्देश दिये हैं। जिन जिलों में जांच सुविधा नहीं हेगी, वहां ‘टेस्टिंग कलेक्शन सेंटर’ बनाएंगे। अवस्थी ने अपील करते हुए कहा कि किसी भी जनपद में धर्मस्थल या अन्य स्थान पर कोई भी रह गया है, जो संदिग्ध है, जिसकी तबियत खराब है या जिसने बीमार के साथ संपर्क किया है, विलंब ना करे क्योंकि जितना विलंब करेंगे, प्रदेश उतना पीछे रहेगा।उन्होंने कहा कि तबलीगी जमात के आंकडों की वजह से कोरोना वायरस के जो केसेज बढे हैं, वह चिन्ता का विषय हैं इसलिए लॉकडाउन पर फिर विचार करना होगा कि 14 के बाद खुल पाएगा या नहीं।अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जैसे ही लॉकडाउन खोला जाएगा तो सुनिश्चित किया जाएगा कि हमारा प्रदेश ‘कोरोना वायरस मुक्त’ हो। हालांकि अभी संभावना नहीं है कि :लॉकडाउन: जल्दी खुल पाएगा।