एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अब ई-ऑटो (बैटरी चलित) जारी होंगे। दिसंबर से यह दौड़ते नजर आएंगे। परिवहन विभाग ने भी इन वाहनों के लिए तैयारी जारी कर दी है। अन्य वाहनों की तरह ही इनका रजिस्ट्रेशन आरटीओ कार्यालय से हो चुका है। वहीं शहर में फैल रहे प्रदूषण पर कुछ हद तक रोक लगेगी। नई दिल्ली की एक कंपनी ई-ऑटो को तैयार हो चुके है। जानकारी के अनुसार एनसीआर में प्रदूषण के कारण सांस लेना दूभर होता जा रहा है। जिले के अंदर दौड़ रहे पुराने अवैध 53 हजार वाहन हवा में और जहर घोल रहे हैं। परिवहन विभाग ने शहर से डीजल चलित ऑटो को पहले से ही प्रतिबंधित किया जा रहा है। वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा। शहर के लोगों को ई-ऑटो से काफी राहत मिलेगी। सड़क पर चलने के दौरान यह आवाज भी नहीं करेगा।
कई महीने पहले आ चुका है डेमो
ई-ऑटो का डेमो कई महीने पहले किया गया है। अब सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं। नई दिल्ली की कंपनी ने काफी संख्या में ई-ऑटो तैयार कर लिए हैं। ऑटो पहले गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ में चलाए जाएंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में जनवरी तक आ जाएंगे।
प्रदूषण में कमी होने की उम्मीद
जानकारी के अनुसार शहर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने में ई-ऑटो सहायता करेंगे, क्योंकि अभी तक डीजल व अन्य वाहन शहर की स्थिति को बिगाड़ रहे हैं। यह ऑटो छोटे होने के कारण कहीं भी जा सकेंगे। एक बार बैटरी चार्ज होने पर ऑटो 100 किलोमीटर तक जा सकता है।
ये हैं शहर में पुराने वाहनों के हालात
सूत्रों के मुताबिक जिले में 1.35 लाख पुराने वाहन पंजीकृत हैं। संभागीय परिवहन विभाग की ओर से डेढ़ माह पहले कार्रवाई करते हुए वर्ष 2000 से पहले के पंजीकृत 81,773 का पंजीकरण निलंबित किया था। शेष 53 हजार पुराने वाहन अभी शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इस वर्ष करीब 30 हजार वाहन चालकों ने अपना पंजीकरण निरस्त कराया था। 20 सितंबर को संभागीय परिवहन विभाग ने वर्ष 2000 से पहले 6480 डीजल और 75,293 पेट्रोल वाहनों का पंजीकरण निलंबित कर किया जा चुका है।