कोरोना वायरस का संक्रमण अब यहां भी समुदाय में फैलने का खतरा बढ़ गया है। इस वजह से सरकार सतर्क हो गई और बीमारी को नियंत्रित करने के लिए धड़ाधड़ फैसले लिए जा रहे हैं। ऐसे में आम लोगों को भी बेहद सावधान रहने की जरूरत है। संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा एयरपोर्ट, मेट्रो व अस्पताल में है, इसलिए इन जगहों पर जाने से काफी हद तक बचें।
डॉक्टर कहते हैं कि लोग एक बात ध्यान रखें कि घर में संक्रमण कोई बाहर का व्यक्ति नहीं फैलाएगा, बल्कि सावधानी में जरा भी लापरवाही हुई तो अपने घर कोरोना का वायरस आप खुद लेकर जाएंगे, इसलिए बेहतर तो यही है कि भीड़ वाले जगहों पर बिल्कुल न जाएं। बाहर से लौटने पर हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही घर में प्रवेश करें।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के कंसलटेंट डॉ. एजाज अख्तर ने कहा कि सभी घर के बाहर सैनिटाइजर रखना चाहिए। सैनिटाजर से हाथ को संक्रमण मुक्त करने के बाद ही घर में प्रवेश करना चाहिए। इसके बाद तुरंत लोगों को वॉशरूम में जाकर साबुन से हाथ पैर व चेहरा साफ करना चाहिए। साथ ही कपड़े तुरंत बदल देना चाहिए। इसके बाद ही घर में बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों के नजदीक जाना चाहिए। इससे संक्रमण से काफी हद तक बचा जा सकेगा। डॉक्टर कहते हैं कि अभी तक ज्यादतर विदेशों से आए लोग और उनके संपर्क में आए लोग ही संक्रमित हुए हैं, इसलिए सोशल दूरी जरूरी है।
सेंट्रलाइज एसी भी बनता है संक्रमण का कारण
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि इस बीमारी के फेज- 2 में सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा एयरपोर्ट पर रहता है। इसका कारण सेंट्रलाइज एसी व नमी युक्त वातावरण होता है।
शोध में यह बात सामने आ चुकी है कि यदि 60 फीसद यात्री यदि हाथ साफ रखें तो बीमारी के संक्रमण की रफ्तार 69 फीसद तक कम हो सकती है। वहीं यदि 30 फीसद यात्री भी हाथ को संक्रमण मुक्त रखें तो 24 फीसद तक बीमारी कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि दुबई में 19 मार्च तक महज 113 मामले सामने आए थे, जबकि वहां से लौटे 15 लोग मुंबई में पॉजेटिव पाए गए। ऐसे में सवाल यह है कि वे कहां संक्रमित हुए। इसका सीधा जवाब है दुबई एयरपोर्ट।
मेट्रो में सफर के बाद तत्काल हाथ थोएं
यहां भी ऐसे अनेक लोग आ रहे हैं जिन्हें दिल्ली आने के बाद कुछ दिनों बार लक्षण आया। उन्होंने कहा कि मेट्रो में भी संक्रमण का खतरा अधिक है, इसलिए मेट्रो में सफर करते समय हाथ से कुछ भी छुने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेश में हुए शोध में यह बात समाने आ चुकी है कि तीसरे चरण में सबसे ज्यादा संक्रमण अस्पतालों में हो सकता है।