मदरलैंड संवाददाता मुजफ्फरपुर ।
 मुजफ्फरपुर मे कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के मध्य नजर प्रधानमंत्री जी इसके रोकथाम के लिए आप कठोर से कठोर कदम जरुर उठाएं। लेकिन कठोर कदम उठाने से पूर्व गरीबों के किचेन का  समीक्षा भी जरुर करालें   सच्चाई  है कि बीते 15 दिनों में ही गरीबों के रसोई घर का  हालात  काफी सोचनीय व दयनीय हो गया है । ऐसे में करोना वायरस से गरीब मरे या ना मरे यदि  स्थिति यही रही तो वह भूख से जरूर मर जाएंगे। भूख से गरीबों का मरना राष्ट्र के लिए बड़ा कलंक साबित होगा। उक्त मार्मिक अपील राज्य के पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर किया है । उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि 15 दिनों में गांव का हालात काफी बिगड़ गया है । गरीब तो गरीब अब मध्यवर्गीय परिवार के लोगों के समक्ष भी भोजन एक बड़ा समस्या बन गया है। सबसे बदतर स्थिति तो माल – मवेशी का है । चारा-चोकर  के अभाव में माल- मवेशी भी दम तोड़ने लगे। लौक डाउन के कारण किसान के खेत में लगा रवि का फसल कटनी नहीं होने की वजह से 50% से अधिकबर्बाद हो गया है। श्री कुमार ने पत्र में लिखा है कि राशन कार्ड से वंचित गरीब के लिए सरकारी स्तर पर  राहत की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जबकि आज भी समाज के 40% से अधिक परिवार कार्ड से वंचित है।  जिस कारण उन्हें अब तक किसी भी प्रकार का सरकारी राहत नहीं मिला है।श्री कुमार ने पत्र में लिखा है कि इस विपदा के घड़ी  में राहत मुहैया कराने के मामले में  गरीबों के बीच भेदभाव नहीं हो ऐसी व्यवस्था अपेक्षित है। साथ ही उन्होंने  प्रधानमंत्री  से बिहार जैसे गरीब प्रदेश के लिए पर्याप्त मात्रा में राशन एवं अन्य खाद्य सामग्रियों की व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी मांग की है।श्री कुमार ने पत्र में आगे लिखा है कि प्रधानमंत्री जी आपको मालूम है कि मुजफ्फर पुर उत्तर बिहार का अघोषित राजधानी है। यहां मेडिकल कॉलेज सहित कई बड़े बड़े अस्पताल भी हैं, जहां उत्तर बिहार के अधिसंख्यक मरीज अपना इलाज कराते हैं। लेकिन यहां कोरोना वायरस की जांच की कोई व्यवस्था नहीं  है । जांच के नाम पर केवल खानापूरी की जा रही है। ऐसे में  प्रधानमंत्री जी  मुजफ्फरपुर में कोरोना वायरस  की जांच के लिए तुरंत हाई पावर प्रयोगशाला स्थापित कराई जाए।
          उन्होंने अपने पत्र में मुजफ्फरपुर में ए ई एस का बढ़ते प्रभाव एवं बच्चों के हो रहे मौत पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए तुरंत केंद्रीय स्तर पर इस बीमारी के रोकथाम के लिए शीघ्र कदम उठाने की भी मांग की है।
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