प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील के मद्देनजर रविवार को कश्मीर में लोगों की आवाजाही तथा उनके एकत्र होने पर कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लागू कर दी गईं। घाटी में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए एक तरह से बंद के हालात का लगातार चौथा दिन है। केवल सरकारी और आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों को पहचान संबंधी पत्र देखने के बाद और आपात मामलों में ही लोगों को आवाजाही की अनुमति है। अधिकारियों ने कहा, ‘‘कश्मीर घाटी के सभी जिलों में रविवार सुबह लोगों की आवाजाही और उनके एकत्रित होने पर कर्फ्यू जैसी पाबंदियां हैं।’’

उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और पाबंदियों को लागू करने के लिए श्रीनगर समेत घाटी के कई स्थानों पर कांटेदार तार समेत अवरोधक लगाए गए हैं। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने शनिवार को कहा था कि घाटी में पाबंदियों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, ‘‘इसका नाम जनता कर्फ्यू हो सकता है लेकिन कश्मीर का इतिहास ऐसा है कि हालात चाहे जो भी हो, पुलिस या सुरक्षा बलों के बिना पाबंदियां लागू नहीं की जा सकती।’’ अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह पुलिस ने वाहनों का इस्तेमाल कर पाबंदियों का सख्ती से पालन करने की घोषणा की।

उन्होंने बताया कि घाटी में बाजार बंद हैं तथा सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद हैं। उन्होंने बताया कि ट्रेनों को भी निलंबित किया गया है। कश्मीर में शैक्षणिक संस्थान पहले ही बंद हैं और जिमखानों, पार्कों, क्लबों और रेस्तरां समेत सभी सार्वजनिक स्थानों को बंद कर दिया गया है। घाटी के कई हिस्सों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बृहस्पतिवार को पाबंदियां लगाई गई थीं। शहर के खान्यार इलाके की 67 वर्षीय महिला के संक्रमित पाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया। महिला 16 मार्च को सऊदी अरब से लौटी थीं। अभी तक घाटी में संक्रमण का केवल एक मामला सामने आया है।

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