रविवार को कांग्रेस नेता नाना पटोले का महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष बनना तय है क्योंकि भाजपा उम्मीदवार किशन कथोरे ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। नामांकन वापस लेने की समयसीमा रविवार को सुबह दस बजे तक थी। कांग्रेस ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर पार्टी विधायक पटोले के नाम का शनिवार को ऐलान किया जबकि भाजपा ने कथोरे को अपना प्रत्याशी बनाया था। पटोले विदर्भ में साकोली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि कथोरे ठाणे में मुरबाड से विधायक हैं। यह दोनों का विधायक के तौर पर चौथा कार्यकाल है।

विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर एनसीपी नेता का बयान
अपने बयान में एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कहा, ‘पहले विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए फॉर्म भरा था लेकिन अन्य विधायकों के अनुरोध और विधानसभा की गरिमा को बनाए रखने के लिए उन्होंने अपने उम्मीदवार का नाम वापस लिया। अब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होगा। बता दें कि कांग्रेस के नाना पटोले को महा विकास अघाड़ी के विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है।

भाजपा अध्यक्ष के मुताबिक
इसके अलावा महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, भाजपा ने कल किसान कठोरे को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए नामित किया था लेकिन कई बार अनुरोध किए जाने के बाद हमने कथोरे की उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया है। महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व में बनने वाली गठबंधन सरकार को लेकर सबकी नजर दिल्ली में रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बैठक पर टिकी है। बैठक में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की सरकार के भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। इस बीच, नागपुर में पवार ने कहा कि तीन दल मिलकर सरकार बना रहे हैं, इसलिए समय लग सकता है।

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