असम में अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन आफ बोडोलैंड (NDFB) के साथ सरकार का शांति समझौते पर करार हो चुका है। जहां एनडीएफबी के सभी गुटों हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला किया था। वहीं यह भी कहा जा रहा है केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल की मौजूदगी में इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।

मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज किए हैं। यह समझौता असम के लिए और बोडो लोगों के लिए एक सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि 130 हथियारों के साथ 1550 कैडर 30 जनवरी को आत्मसमर्पण करेंगे। गृह मंत्री के रूप में मैं सभी प्रतिनिधियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सभी वादे समयबद्ध तरीके से पूरे होंगे।

जहां इस बात पर भी गौर किया गया है कि जिन चार गुटों के साथ समझौता हुआ है, उनमें रंजन डैमारी, गोविंदा बासुमातरी, धीरेन बारो और बी. साओरैगरा के नेतृत्व वाले गुट शामिल है। बी आओरैगरा ने 2015 में आइके सोंगबीजीत गुट की कमान संभाली थी। आरोप है कि सोंगबीजीत ने दिसंबर 2014 में 70 आदिवासियों की हत्या का आदेश दिया था। जिसके बाद उसे हटा दिया गया था। समझौते के तहत दो दिन पहले जेल में बंद डैमारी को रिहा किया गया था।

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