केंद्र ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (बंद) के दौरान प्रवासी कामगारों की आवाजाही को रोकने के लिए प्रभावी तरीके से राज्य और जिलों की सीमा सील करने को कहा है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों को 14 दिन के लिए पृथक केंद्र भेजा जाएगा। मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उनसे सुनिश्चित करने को कहा कि शहरों में या राजमार्गों पर आवाजाही नहीं हो क्योंकि बंद जारी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘देश के कुछ हिस्सों में प्रवासी कामगारों की आवाजाही हो रही है। निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्यों और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील करना चाहिए।’’ राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि शहरों में या राजमार्गों पर लोगों की आवाजाही नहीं हो। केवल सामान को लाने-ले जाने की अनुमति होनी चाहिए।

सरकारी बयान में कहा गया कि बंद का उल्लंघन करने वालों और इस अवधि में यात्रा करने वालों को सरकारी पृथक केंद्र में 14 दिन के लिए भेज दिया जाएगा। बाद में, गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बंद का उल्लंघन करने वाले प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों पर 14 दिनों के लिए पृथक केंद्र में रखा जाएगा। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमने राज्यों से आश्रय का इंतजाम करने को कहा है ताकि बंद का उल्लंघन कर यात्रा करने वाले प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों पर 14 दिनों के लिए पृथक तौर पर रखा जाए।’’ रविवार को जारी आदेश में गृह मंत्रालय ने अपने गृह राज्यों/गृहनगरों की ओर निकले प्रवासी मजदूरों को गंतव्य पर पहुंचने पर 14 दिनों के लिए पृथक तौर पर रखने को कहा है। आधिकारिक बयान में सरकार ने कहा है कि इन निर्देशों का पालन करवाने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की निजी तौर पर जिम्मेदारी बनती है। केंद्र सरकार के दोनों आला अधिकारियों ने सभी राज्यों के पुलिस और प्रशासन के प्रमुखों से प्रवासी कामगारों सहित जरूरतमंद और गरीब लोगों को खाना और आश्रय मुहैया कराने के लिए समुचित इंतजाम करने को कहा। कैबिनेट सचिव और गृह मंत्रालय के अधिकारी राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ लगातार संपर्क में हैं। कैबिनेट सचिव और गृह सचिव ने मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ शनिवार शाम के साथ रविवार सुबह भी वीडियो कॉन्फ्रेंस की।

बयान में कहा गया, ‘‘यह उल्लेख किया जाता है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बंद प्रभावी तरीके से लागू हो। आवश्यक सामानों की आपूर्ति भी बनाए रखें। लगातार हालात की निगरानी की जा रही है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। ’’ केंद्र सरकार ने शनिवार को इस उद्देश्य के लिए राज्य आपदा मोचन बल के कोष के इस्तेमाल करने को लेकर आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया कि राज्यों के पास इस संबंध में समुचित कोष उपलब्ध हैं। राज्यों से बंद के दौरान मजदूरों को उनके कार्यस्थल पर बिना किसी कटौती के समय पर वेतन भगुतान करने के लिए भी सुनिश्चित करने को कहा गया है। बयान में कहा गया कि इस अवधि में मकान के किराये में भी बदलाव नहीं होना चाहिए। मजदूरों या छात्रों से जो लोग परिसर खाली करने को कहेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर वापस अपने घरों की ओर निकलें हैं।

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