आने वाले कुछ वर्षों में सरकार पूरे देश के 50 रेलवे स्टेशन और 150 ट्रेनों के संचालन निजी कंपनियों के हाथ में देने जा रही है। इसका मतलब इन 50 रेलवे स्टेशन और 150 ट्रेनों में प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी ही काम करेंगे और वह अपनी मर्जी से कर्मचारियों का वेतन और सब तरह की सुविधाएं भी लागू करेंगे। जो शायद सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी और भत्तों से कम भी हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भारतीय रेलवे सरकारी विभाग सबसे ज्यादा नौकरियों का सृजन करने वाला क्षेत्र है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने देश के रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों के निजीकरण को लेकर प्रयास तेज कर दिए हैं। देश की पहली निजी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन तेजस को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखाई और इसी के साथ तेजस देश की पहली निजी क्षेत्र द्वारा चलाई गई ट्रेन बन गई। अब केंद्र सरकार ने 50 रेलवे स्टेशनों और 150 ट्रेनों का निजीकरण करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।