मदरलैंड संवाददाता उदाकिशुनगंज (मधेपुरा)
उदाकिशुनगंज जमादार के द्वारा चालान काटने के नाम पर अवैध राशि के उगाही के मामले में डीएसपी से शिकायत।
बोले डीएसपी:- होगी कड़ी कार्रवाई, लॉक डाउन में ऐसा कृत्य माफ करने योग्य नहीं।
कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने हेतु संपूर्ण देश में प्रधानमंत्री के द्वारा 3 मई तक लॉकडाउन की स्थिति बरकरार है ऐसे विकट परिस्थिति में लोग एक दूसरे को मदद को हाथ आगे बढ़ा रहे हैं। वही उदाकिशुनगंज के पुलिसकर्मी द्वारा चालान काटने के नाम पर बाइक चालकों से अवैद्य रकम की वसूली कि मामला प्रकाश में आया है।उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के गोपालपुर पंचायत निवासी राजनंदन शर्मा के पुत्र चरणजीत कुमार ने उदाकिशुनगंज डीएसपी सीपी यादव को लिखित आवेदन देकर शिकायत किया है कि सोमवार 13 अप्रैल को घर से उदाकिशुनगंज बाजार खाने-पीने की सामान और सब्जी लाने हेतु सब्जी आरहत पर गया हुआ था। मेरे ही गाँव का दो लड़के वहां पर पहले से खरा थे। उसी समय उदाकिशुनगंज थाने का जमादार विद्यासागर प्रसाद वहां आ पहुंचे और हम से गाड़ी का कागजात दिखाने बोले। हमने गाड़ी का सभी कागजात दिया पर मेरे पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं थी। जमादार विद्यासागर प्रसाद ने हमसे 3 हजार रुपये फाइन के रुप में चालान काटने के नाम पर मांगा। हम से 3 हजार रुपये लेकर उन्होंने 5 सौ रुपये का चालान काटकर हमें थमा दिया। हमने जब जमादार साहब से पूछा कि साहब ऐसा क्यों तो उन्होंने कहा चुपचाप चले जाओ नहीं तो तुम को भी अंदर कर देंगे। फिर हमारे पास रुपैया नहीं बचा हमने उधार ही सब्जी और अन्य सामग्री खरीद कर अपने घर पहुंचा। हमने घर पहुंच कर अपने चाचा सरपंच प्रतिनिधि बबलू कुमार को सारी बातें बतलाई। जब हमारे चाचा सरपंच प्रतिनिधि ने जमादार साहब से फोन कर इस बाबत पूछा तो उन्होंने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। एक तो लॉकडॉन के कारण आर्थिक स्थिति चरमराई हुई है और ऊपर से थाने के जमादार द्वारा इस तरह का बर्ताव किया जाना पूर्णतया अमान्य है। उन्होंने डीएसपी से न्याय की गुहार लगाई है और ऐसे भ्रष्ट जमादार पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इस बाबत डीएसपी सीपी यादव से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। आवेदन दी गई है जमादार विद्यासागर प्रसाद का इससे पहले भी कई बार कई मामले में शिकायत मिल चुकी है। लॉक डाउन की इस स्थिति में लोग दाने-दाने को मोहताज है ऐसे में जमादार के द्वारा इस तरह का कृत्य माफ करने योग्य नहीं है। इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके खिलाफ विभागीय अधिकारियों को भी लिखित रिपोर्ट भेजी जा रही है।