लॉकडाउन के दौरान एम्बुलेंस और आपात सेवाओं के दूसरे वाहनों के सुगम आवागमन के लिये कर्नाटक सरकार को अपनी सीमायें खोलने का निर्देश देने के लिये केरल के कासरगोड क्षेत्र के सांसद राजमोहन उन्नीथन ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। उन्नीथन ने अपनी याचिका में कहा है कि जब कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिये पूरा देश चिकित्सीय आपातकाल की अवस्था में है और ऐसे समय में सीमाओं को बंद करके अवरोध संविधान के अनुच्छेद 21 और 19 (डी) का उल्लंघन है याचिका में कहा गया है, ‘‘इस अवरोध ने केरल की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्गो, राज्य के राजमार्गो और प्रमुख जिलों की सड़कों के यातायात को अवरूद्ध कर दिया है जिसकी वजह से आवश्यक वस्तुओं और गैर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति कम हो गयी है और केरल राज्य को खाद्यान्न तथा दवाओं की आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा है।’’

याचिका के अनुसार यह स्पष्ट रूप से एक राज्य द्वारा नागरिकों के गरिमा के साथ जीने के अधिकार का उल्लंघन हैं क्योंकि इस तरह की कार्रवाई में लोगों को सड़कों पर मरने के लिये मजबूर किया जा रहा है। केरल में पहले ही दो व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है क्योंकि उन्हें तत्काल इलाज के लिये मेंगलोर स्थित अस्पताल ले जाने के लिये कर्नाटक ने प्रवेश की अनुमति नहीं दी। याचिका में अनुरोध किया गया है कि कर्नाटक को केरल के साथ लगी सीमायें, खासकर तलापड्डी में कासरगोड-मेंगलोर सीमा खोलने और इन सीमाओं से एम्बुलेंस तथा दूसरे आपात वाहनों को सुगमता से जाने का निर्देश दिया जाये। इसी तरह, याचिका में यह अनुरोध भी किया गया है कि केरल के लिये आवश्यक और गैर आवश्यक वस्तुयें लेकर चल रहे वाहनों को इन सीमाओं से प्रवेश की अनुमति देने का कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया जाये। इसके अलावा, केरल के दो निवासियों की मृत्यु के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और सारे मामले की जांच के लिये विशेष जांच दल गठित करने का निर्देश कर्नाटक को देने का भी अनुरोध किया गया है।

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