कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अधिवक्ताओं, वादियों और पक्षकारों को सिर्फ अत्यावश्यक मामलों में ही स्वयं पेश होने और अदालत परिसर में अनावश्यक एकत्र होने से बचने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने एक परिपत्र में कहा कि यदि मामलों में 13 अप्रैल तक के लिए स्थगन मांगा जाता है, तो यह दिया जा सकता है। अधिकरण ने कहा कि इस सिलसिले में अनुरोध मौजूदा कार्यप्रणाली के मुताबिक निर्दिष्ट प्रपत्र में ईमेल के जरिए भेजा जा सकता है।

एनजीटी ने कहा कि वह कोविड-19 महामारी के सिलिसले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और भारत सरकार द्वारा जारी परामर्शों के मुताबिक निर्देश जारी कर रहा है। हरित अधिकरण ने कहा कि चिकित्सा पेशवेरों सहित जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय के मद्देनजर और वादियों, वकीलों तथा कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर निर्देश जारी किये गये हैं। अधिकरण ने इससे पहले यहां प्रधान पीठ में उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक मशीनों का इस्तेमाल बंद कर दिया था। कोरोना वायरस संक्रमण से मंगलवार को मुंबई के 64 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। इस वायरस से मौत का देश में यह तीसरा मामला है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या मंगलवार को बढ़ कर 126 पर पहुंच गई है।

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