बुधवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गरीबी मिटाने के लिए दीर्घकालिक नीतियों को तलाशने की वकालत की है। उन्होंने कहा, गरीबी उन्मूलन के लिए अल्पकालिक माफी और मुफ्त उपहार सरीखे तरीके अपनाने के बजाय दीर्घकालिक नीति और समाधान ढूंढ़े जाने चाहिए।

समाज के सबसे ज्यादा पात्र वर्ग के लोगों को मिले लाभ
सरकार और नीति निर्माताओं से उपराष्ट्रपति ने ये काम सुनिश्चित करने की अपील की है, साथ ही सभी कार्यक्रमों का लाभ समाज के सबसे ज्यादा पात्र वर्ग के लोगों को मिल सके। उन्होंने कहा, सार्वजनिक जीवन जीने वाले व्यक्ति को गरीबी उन्मूलन और लोगों के बीच एकता पैदा करने के प्रयासों को अपना लक्ष्य बनाना चाहिए। एक किताब के विमोचन के मौके पर नायडू ने बिना इस्तीफा दिए दलबदल करने वाले निर्वाचित प्रतिनिधियों को ऐसा करने से रोकने के लिए दलबदल विरोधी कानून की खामियों को दूर करने का आह्वान किया है। उन्होंने सभी दलों से अपने सदस्यों को अनुशासित करने और ऐसी प्रवृतियों पर अंकुश लगाने की अपील की है।

दल बदलने की छूट
इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने कहा, लोगों को किसी विचारधारा पर विपरीत राय होने की स्थिति में दल बदलने की छूट होनी चाहिए, लेकिन अपने निजी हित के लिए नहीं। सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति को अपने कार्य को कमीशन नहीं सेवा के लिए अपनाया मिशन समझना चाहिए। नायडू ने कहा, लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता का निर्णय सर्वोच्च है और दुर्भाग्य की बात है कि कुछ लोगों ने जनादेश के प्रति असहिष्णु भाव विकसित कर लिए हैं। उन्होंने संसद तथा राज्य विधानसभाओं में कामकाज में बाधा डालने और परंपराओं के उल्लंघन पर चिंता जनक है।

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