केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि देशव्यापी लॉकडाउन पर मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का ‘‘अक्षरश:’’ पालन होना चाहिए। इसके साथ ही जरूरी और गैरजरूरी सामानों में अंतर किए बिना सभी ट्रकों या माल लदे वाहनों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से लागू 21 दिवसीय लॉकडाउन के दौरान किए गए उपायों पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि आवश्यक सामानों और सेवाओं की स्थिति नियंत्रण में है। इस व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित 21 दिवसीय देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान जरूरी और गैरजरूरी सामानों में अंतर किए बिना राज्यों के भीतर-बाहर ट्रकों और मालवाहक वाहनों को आवाजाही की अनुमति होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि खाली ट्रकों और मालवाहक वाहनों को भी अनुमति होनी चाहिए क्योंकि हो सकता है कि वे माल लाने जा रहे हों या सामान पहुंचाकर लौट रहे हों। उन्होंने कहा, ‘‘सामानों को लाने-ले जाने के लिए ट्रकों और मालवाहक वाहनों को किसी परमिट या पास की जरूरत नहीं है।’’ अधिकारी ने कहा कि एक ट्रक में एक ड्राइवर और एक क्लीनर की अनुमति दी गयी है और जिला प्रशासन को उनके घरों से ट्रक के स्थान तक आने-जाने में मदद करना चाहिए। मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लॉकडाउन पाबंदी से छूट वाले संगठनों और कंपनियों में कार्यरत कर्मियों को तुरंत पास जारी करने को भी कहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भी ध्यान देना चाहिए कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सीमाई इलाके में स्थित निर्माण इकाइयों में तैनात कर्मियों को कोई दिक्कत नहीं हो।’’ उन्होंने कहा कि रेलवे, हवाई अड्डा, बंदरगाह और सीमाशुल्क विभाग के अधिकारियों को अपने कर्मचारियों और अनुबंध पर काम करने वाले कर्मियों को आवाजाही के लिए पास जारी करने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि आटा, खाद्य तेल जैसी आवश्यक सामग्री से जुड़े सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के कामकाज में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए। उन्होंने, ‘‘गोदाम और शीत भंडार को बिना किसी अवरोध के संचालन की अनुमति होनी चाहिए चाहें उसमें जरूरी सामान हो या गैर जरूरी सामान।’’ श्रीवास्तव ने साफ कर दिया कि ये सभी दिशा-निर्देश हॉटस्पॉट (संक्रमण के केन्द्र) और कंटेनमेंट जोन (संक्रमण की अधिकता वाला क्षेत्र) को छोड़कर सभी जगह के लिए है। अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा लॉकडाउन लागू करवाने के प्रयासों में पुलिस की मदद के लिए सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, एनसीसी कैडेट, एनएसएस कार्यकर्ता भी आगे आ रहे हैं।

 

 

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