अविनाश भगत : ऐहतियात के तौर पर घाटी में नजरबंद किए गए मुख्यधारा के नेताओं की रिहाई को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। इन तमाम नेताओं को मोदी सरकार द्वारा सूबे से विवादित धारा 370 व अनुच्छेद 35ए को हटाए जाने के बाद से कानून व्यवस्था को बिगडने की आशंका के मददेनजर नजरबंद किया गया था। हालांकि इनमें से गुलाम हसन मीर, दिलावर मीर तथा मोहम्मद यासीन सरीखे नेताओं को सशर्त रिहा कर दिया गया है। परंतु दिग्गज नेताओं की रिहाई कब होगी यह फिलहाल कहना मुश्किल लग रहा है। सूत्रों का कहना है कि यह नेता प्रशासन को अपनी रिहाई की बावत हलफनामा देने को तैयार नहीं लगते।

प्रशासन दिग्गज नेताओं को कर सकता है रिहा
सूत्रों का कहना है कि यहां का शासन व प्रशासन इन दिग्गज नेताओं को भी रिहा कर सकता है बशर्ते यह सभी अपनी रिहाई के बाद किसी भी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या न खड़ी करने का हलफनामा दे। गौरतलब है कि घाटी के मुख्यधारा से जुडे़ इन नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी शांतिभंग करने की आशंका के मद्देनजर हिरासत में लिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि कश्मीर में सर्वाधिक भारत विरोधी आपत्तिजनक भाषा बोलने वाले चरमपंथी अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी तथा आल पार्टी हुर्रियात के चेयरमैन मीरवायज उमर फारूक अपने घरों चुपचाप बैठे बताए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि घाटी के तमाम अलगाववादी नेताओं पर भी पैनी नजर रखी जा रही है।

नजरबंदी के बाद महबूबा मुफ्ती खामोश
बता दें कि पीडीपी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सूबे से विवादित 370 व अनुच्छेद 35ए को हटाए जाने से पहले इसे लेकर कईं प्रकार के घोर आपत्तिजनक बयान दिए थे। परंतु नजरबंदी के बाद महबूबा मुफ्ती एकदम खामोश स्थिति में पता चली हैं। उनकी जगह उनकी बेटी इल्तिजा उनके ट्वीटर हैंडल का इस्तेमाल करते हुए अपनी मां महबूबा मुफ्ती को लेकर ब्यानबाजी करती रहती हैं। इल्तिजा अपनी मां से मुलाकात करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गईं थीं। परंतु इन सबके बावजूद घाटी में उक्त तमाम नेताओं के प्रति आम कश्मीरी के मन में कोई हमदर्दी दिखाई नहीं देती। यही वजह लगती है कि गत अगस्त से नजरबंद चले आ रहे इन मुख्यधारा के नेताओं की रिहाई को लेकर कोई भी आम कश्मीरी आवाज नहीं उठा रहा। बल्कि एक वर्ग का यह भी मानना है कि यदि इन तमाम बडे़ नेताओं ने भ्रष्टाचार व घोटाले किए हैं तो इन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

नजरबंद नेताओं को किया शिफ्ट
घाटी में सर्दी बढ़ने के साथ ही 30 से ज्यादा नजरबंद किए गए नेताओं को अन्य जगहों से श्रीनगर के एमएलए होस्टल में शिफ्ट कर उसे उपजेल बना दिया गया है। लेकिन गत दिनों वहां अचानक पुलिस व अर्धसैनिकबलों द्वारा चलाए गए तलाशी अभियान में बड़ी संख्या में मोबाईल फोन व अन्य सामग्री मिली थी। जिस पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुरक्षा मुनीर खान ने कहा कि चुंकि अब श्रीनगर एमएलए होस्टल एक उपजेल बना दिया गया है, इसलिए यहां जेल के नियम लागू होते हैं। यहां बंद नेताओं को जेल के नियमों का अनुपालन करना ही होगा।

Previous articleसैन्य जनरल बिपिन रावत की सेवानिवृती से पहले तय होगा नये सेना प्रमुख का नाम
Next articleधरने, प्रदर्शन, भूख हड़ताल, अनशन, कैंडल मार्च, गोष्ठी, सम्मेलन, मीडिया कांफ्रेंस, फ़ोटो सेशन, आर्ट गैलरी आदि

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here