अभी कुछ समय पहले छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में जुटी एसआईटी ने इंस्टीट्यूट और विकासनगर के एसबी कॉलेज के प्रबंधतंत्र के खिलाफ सरकारी धन के गबन करने का मुकदमा दर्ज कराया है। इससे पहले एसआईटी प्रेमनगर के एक शिक्षण संस्थान के मालिक को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के फर्जी प्रवेश दर्शाकर छात्रवृत्ति हड़पने के मामले में एसआईटी ने देहरादून के शिक्षण संस्थाओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तीन संस्थानों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराए गए हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी की तरफ से 2,15,72,800 रुपये जारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहला मुकदमा पटेलनगर कोतवाली में मेहूंवाला स्थित इंस्टीट्यूट के संचालक के खिलाफ एसआईटी में उप निरीक्षक सुखपाल सिंह ने दर्ज कराया है बताया गया कि 2012-13 से वर्ष 2014-15 तक जिला समाज कल्याण अधिकारी की तरफ से 2,15,72,800 रुपये जारी किए गए।
छात्रवृत्ति वितरण में व्यापक अनियमितताएं पकड़ी
वहीं इस बात का पता चला है कि 2011-12 से लेकर 2016-17 तक कॉलेज को 2,68,61,000 की छात्रवृत्ति वितरित की गई। छात्रवृत्ति वितरण में व्यापक अनियमितताएं पकड़ी गईं। जंहा शासनादेशों के अनुसार छात्रवृत्ति की धनराशि वर्ष 2014 तक छात्रों के बैंक खातों में दिए जाने का प्रावधान था, लेकिन छात्रवृत्ति सीधे संस्थान के बैंक खाते में स्थानांतरित हुई। घोटाले का तीसरा मुकदमा इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च के खिलाफ दर्ज हुआ है। छात्रवृत्ति वितरण को तीन और कालेजों में घोटाला पकड़ा गया है। इन संस्थानाें के संचालकाें खिलाफ पटेलनगर, सहसपुर और विकासनगर थाने में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। तथ्यों के आधार पर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अन्य संस्थानों के खिलाफ भी अभी जांच विचाराधीन है।