अविनाश भगत : जम्मू कश्मीर में गत अगस्त माह में इंटरनेट सेवा की बहाली की मांग को लेकर पुरजोर आवाजे उठने लगी है। आम आदमी से लेकर राजनीतिक दल इस सेवा की बहाली के लिए अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। मालूम हो कि बीती 5 अगस्त को देश की संसद ने भारी बहुमत के साथ जम्मू कश्मीर में विवादित धारा 370 व अनुच्छेद 35ए को हटाने के साथ इसके पुनर्गठन का फैसला लिया था। उस वक्त यहां शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ कड़े कदम उठाए गए। जिनमें एक मोबाईल इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगाई गई। जिसके कारण छात्रों,नौकरी चाहने वालों से लेकर तमाम कारोबारियों को भारी दिक्कतों का सामना अभी तक करना पड़ रहा है। इसलिए विशेषकर इंटरनेट सेवा की बहाली की मांग चैतरफा की जा रही है।

इंटरनेट सेवा पर पाबंदी का फैसला ऐहतियात के तौर पर लिया
हालांकि केंद्रीय गृहमंत्रालय तथा यहां के शासन ने इस सेवा पर पाबंदी का फैसला ऐहतियात के तौर पर लिया था। मालूम हो कि बीती 5 अगस्त को केंद्र की मोदी सरकार ने संसद में भारी बहुमत के साथ जम्मू कश्मीर से विववादित धारा 370 व अनुच्छेद 35ए को हटाए जाने के साथ साथ इसके पुनर्गठन का भी ऐलान किया था। तब ताकि विशेषकर घाटी में कोई भी राजनीतिक दल व नेता तथा अलगाववादी नेता के साथ साथ शरारती तत्व माहौल बिगाडने की कोशिश न करे, इसे ध्यान में रखकर घाटी में तो टेलीफोन, मोबाईल, इंटरनेट तथा ब्राड़बैंड सेवा को स्थगित कर दिया गया था। गौरतलब है कि जम्मू में केवल मोबाईल इंटरनेट सेवा को रोका गया। जबकि बाद में हालात सुधारते देख घाटी में टेलीफोन, पोस्टपेड मोबाईल तथा ब्राडबैंड सेवा को बहाल कर दिया गया। लेकिन मोबाईल इंटरनेट सेवा दोनों संभागों में अभी भी बंद पड़ी है। जिसे लेकर आम नागरिक, छात्र, व्यापारी तथा राजनीतिज्ञ खासे परेशान है और वह इस सेवा की बहाली की पुरजोर मांग कर रहे हैं।

संचार सुविधाओं की बहाली की मांग
बता दें कि अब संघ शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में इंटरनेट व अन्य संचार सुविधाओं की बहाली की मांग को लेकर संसद तक में आवाज उठ चुकी हैं। परंतु सरकार का साफतौर पर कहना है कि जब यहां के शासन व प्रशासन को यह लगेगा कि इन सेवाओं की बहाली से कानून व्यवस्था की कोई समस्या खडी नहीं हो सकती तो वह अपने विवेक से इस सेवा को बहाल कर सकते हैं। बताया गया कि लेकिन इसमें एक अहम आशंका इस बात की भी है कि इंटरनेट सेवा के बहाल होने का शरारती तत्व माहौल बिगाडने के लिए बेजा इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं घाटी में छिपे आतंकी भी इसका दुरपयोग कर सकते हैं।

विधानसभा चुनाव तथा इंटरनेट बहाली जल्द
इस बीच बीते कल संघ शासित प्रदेश के जम्मू कश्मीर के प्रथम उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने बारामुला के शीरी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भरोसा दिलाया कि यहां विधानसभा चुनाव तथा इंटरनेट बहाली जल्द होगी। इस पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र शर्मा तथा पैंथर्स पार्टी के पूर्व विधायक एवं प्रधान मनकोटिया का कहना है कि आम लोगों की दिक्कतों के मददेनजर विशेषकर इंटरनेट सेवा फौरन बहाल की जाए।

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