अविनाश भगत : यूं तो जम्मू कश्मीर में सत्ता में रहे नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार अथवा गड़बड़ी के किस्से कईं बार सुनाई देते हैं। लेकिन यह मामला सरकारी निर्माण एजेंसी जम्मू कश्मीर प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन यानि जेकेपीसीसी का है, जिसे राज्य के नये विधानसभा परिसर का निर्माण कार्य सौंपा गया। यह निर्माण कार्य दो साल में पूरा होना था। जोकि 6 बार मियाद बढ़ाए जाने के बावजूद अभी तक पूरा नहीं हुआ। बल्कि शुरूआती निर्माण लागत 104.40 करोड़ थी। जोकि अब बढकर 195 करोड़ हो गई है।

निर्माण कार्य की लागत 104.40 करोड़ निर्धारित
बता दें कि इस निर्माणाधीन नये विधानसभा परिसर की आधारशिला अप्रैल 2011 में तत्कालीन नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रखी थी। उस प्रोजेक्ट रिपोर्ट में मंत्रियों, विधायकों स्टाॅफ कर्मचारियों व अफसरों तथा मीडिया कवरेज आदि के लिए पर्याप्त स्थान दर्शाया गया था। तब इस निर्माण कार्य की लागत 104.40 करोड़ निर्धारित की गई थी जोकि अब बढ़कर 195 करोड़ तक पहुंच गई है। निर्माण सीमा दो साल रखी गई थी लेकिन 6 बार इसकी डेड़लाइनस आगे बढ़ाई गईं। सूत्रों का कहना है कि अब यह निर्माण मियाद दिसंबर 2020 तक की गई है, ताकि तब तक यह सम्पूर्ण निर्माण पूरा हो सके। दिलचस्प बात यह है कि समय पर निर्माण पूरा न होने तथा निर्माण लागत करीब 91 करोड़ बढ़ जाने के बावजूद सरकारी निर्माण एजेंसी जम्मू कश्मीर प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन यानि जेकेपीसीसी जोकि राज्य के लोकनिर्माण विभाग के अधीन है। उस पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार के दौरान उस काम को करीब ढाई साल तक स्थगित कर दिया गया। यह बात जून 2015 से दिसंबर 2017 तक की है।

निर्माण कार्य में देरी के चलते निर्माण सामग्री की कीमत बढ़ी
बताया गया कि लगातार निर्माण कार्य में हो रही देरी के कारण भी निर्माण सामग्री की कीमत बढ़ती रही। परंतु इसके निर्माण में देरी के पीछे एक अहम वजह कथिततौर पर नेताओं, नौकरशाहों, इंजीनियरों तथा ठेकेदार की मिलीभगत भी कही जा रही है। इस बावत अधिकृत तौर पर कोई भी अधिकारी बातचीत करने को तैयार नहीं हुआ। लेकिन सूत्रों का कहना है कि निर्माण एजेंसी का यह भी तर्क है कि समय पर पैसा न मिलने तथा आधुनिकीकरण निर्माण आदि के कारण यह निर्धारित समय में पूरा नहीं किया जा सका। वहीं निर्माण लागत भी बढ़ गई। इस मामले पर प्रदेश कांगे्रस कमेटी के प्रमुख प्रवक्ता एड़वोकट रविंद्र शर्मा का कहना है कि जब इस पूरे मामले की एक उच्चस्तरीय जांच हो और दोषी पाऐ जाने वाले लोगों के खिलाफ एक उदाहरनीय कार्रवाई हो। चूंकि निर्माणाधीन एजेंसी जेकेपीसीसी पर पहले भी कईं बार अंगुलियां उठ चुकी हैं।

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