अविनाश भगत : प्रधानमंत्री डेवलपमेंट स्कीम के तहत जम्मू कश्मीर पुलिस को आधुनिकीकारण की दिशा में व्यापक मजबूत किया जा रहा है। जिसमें सरहद पर रहने वाले ग्रामीणों की सुरक्षा आतंकवाद, व कानून व्यवस्था के मददेनजर निगरानी सिस्टम को बेहतर किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ई-टेंडरिंग के जरिए खरीदे जाने वाली बुलैट रेजिसटेंट एंबुलेंसों को जिला जम्मू,सांबा, कठुआ के अलावा राजौरी व पुंछ के सरहदी इलाकों में इस्तेमाल की जाऐगी। ड्रोन यानि यूएबी, सीसीटीवी खरीदे जा रहे हैं। बल्कि राज्य पुलिस लीज पर हेलीकाॅप्टर भी लेगी। जिसका इस्तेमाल किसी भी आपातकालीन स्थिति में किया जा सकेगा।
भारत-पाक सीमा पर लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन
मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में भारत-पाक सीमा तथा नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की दिशा से जब तब बिना उकसावे की गोलाबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जाता है। कईं बार सीमांतवासी इस गोलाबारी में बुरी तरह घिर जाते हैं। बल्कि सरदह से सटे कईं स्कूलों पर भी पाकिस्तानी गोलाबारी होती है। ऐसी स्थिति में बुलैट रेजिसटेंट एंबुलेंस का इस्तेमाल होगा। बताया गया कि अभी तक ऐसी एंबुलेंस सेना तथा बीएसएफ की मद्द से मिलती हैं।
सरहद पार पर घुसपैठ की लगातार कोशिशें जारी
बता दें कि, सरहर पार से लगातार आतंकियों की घुसपैठ का दवाब भी बना रहता है। सरहद का एक बड़ा हिस्सा जंगलों, खाईंयों, नदियों व गड्डों से पटा है। ऐसी जगह भी राज्य पुलिस अब आतंकियों पर विशेषकर मुठभेड के दौरान निगरानी रखने के लिए ड्रोन यानि यूएबी तथा सीसीटीवी का प्रयोग करेगी।
एक महीने के भीतर निपटेगा सारा काम
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश पुलिस विभिन्न विशेषताओं के 100 से ज्यादा ड्रोन यानि यूएबी तथा हजारों की तादाद में सीसीटीवी खरीद रही है। बताया गया कि यह सारा खरीद का काम करीब एक माह के भीतर पूरा कर लिया जाऐगा। सीसीटीवी को लगाने का काम पुलिस के एसडीपीओ पर निर्भर होगा। जिसे लेकर इन उपकरणों के विशेषज्ञ पुलिस के अफसरों को जल्द प्रशिक्षित करेंगें। यह भी बताया गया कि ड्रोन तथा सीसीटीवी का इस्तेमाल प्रदेश में होने वाले प्रदर्शनों के दौरान कानून व्यवस्था के मद्देनजर किया जाऐगा। करीब 116 करोड़ रूपये के खर्च वाला यह सारा काम प्रधानमंत्री डेवलपमेंट पैकेज के तहत पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए मंजूर की गई। 5 हजार करोड़ की राशि में से किया जाऐगा।