अविनाश भगत : धारा 370 व अनुच्छेद 35ए को हटाए जाने तथा राज्य के पुनर्गठन के ऐलान के बाद अब केंद्रीय गृहमंत्रालय संघ शासित जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने व नौकरी को लेकर प्रारूप तैयार करने में लगा है। सूत्रों का कहना है कि यह काम केंद्रीय गृहमंत्रालय तथा संघ शासित जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारियों की उच्च स्तरीय टीम अंजाम देने में लगी है। यह प्रारूप बाहरी राज्यों के लोगों के लिए यहां जमीन खरीदने से लेकर नौकरी पाने की बावत तैयार किया जा रहा है कि यह किन शर्ताें को पूरा करने पर यहां जमीन खरीद सकेंगें तथा सरकारी नौकरी पा सकेंगें।

रूके हुए कामों को गति देने की कोशिश में मोदी सरकार
सूत्रों का कहना है कि संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जहां रूके हुए कामों को गति देने की कोशिश में है। वहीं धारा 370 व अनुच्छेद 35ए को हटाए जाने के बाद अब नई व्यवस्था में विशेषकर यहां की जमीन व नौकरियों को लेकर दिशा निर्देश निधारित करने की कोशिश में लगा है।बताया गया कि बाहरी राज्यों से यहां आकर उद्योग लगाने वालों व उनके स्टाफ के अलावा यहा तैनात आईएएस, आईपीएस व अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों को यहां जमीन खरीदने का तत्काल लाभ मिल सकता है। परंतु बाहरी राज्यों के अन्य लोगों के लिए यहां पडोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर 15 साल तक निरंतर रहने की शर्त लगाई जा सकती है। तभी उसके बाद यह लोग यहां जमीन खरीद सकेंगे।

जमीन व नौकरी को लेकर दिशा निर्देश तैयार कर रही सरकार
सूत्रों का कहना है कि जो इस बावत मसौदा तैयार किया जा रहा है, उसमें पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों, पंजाब से यहां लाकर बसाए गए बाल्मिकी समाज के लोगों के साथ साथ बरसों बरस से रह रहे गोरखा समुदाय के लोगों को तत्काल प्रभाव से यहां का स्थाई निवासी प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। चूंकि यहां के स्टेट सब्जेक्ट प्रमाण पत्र यानि नागरिकता के अभाव में इन्हें न तो यहां जमीन खरीदने का हक मिला और न ही यहां की सरकारी नौकरियों में मौका मिला। बल्कि अन्य दुश्वारियों के साथ साथ यह लोग यहां की विधानसभा से लेकर स्थानीय निकाय तथा पंचायत चुनाव में भी भाग नहीं ले सकते थे। सूत्रों का कहना है कि संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा केंद्रीय गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उच्च स्तरीय टीम नई दिल्ली के नार्थ ब्लाक में इस अहम टास्क को अंजाम देने की कोशिश में है। काबिलेगौर है कि जब बीती 5 अगस्त को संसद में मोदी सरकार ने भारी बहुमत से विवादित धारा 370 व अनुच्छेद 35 ए को खत्म किए जाने तथा सम्पूर्ण राज्य जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का ऐलान किया, तो यहां के निवासियों में यह आशंका तेजी से फैली कि अब बाहरी राज्य का कोई भी व्यक्ति यहां जमीन तथा नौकरी हासिल कर सकता है। जिसके बाद माना जा रहा है कि केंद्र सरकार बाहरी राज्य के लोगों के लिए यहां जमीन व नौकरी को लेकर मसौदा व दिशा निर्देश तैयार करने में लगी है।

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