राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने असम की तर्ज पर पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लागू किए जाने की वकालत की है। दिल्ली में RSS की दो दिनों तक चली बैठक गुरुवार को ख़त्म हुई। किन्तु इस बैठक में राम मंदिर से लेकर NRC मुद्दे पर संघ और भाजपा नेताओं के बीच चर्चा हुई। अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को RSS ने स्वीकार करने की बात कही है। साथ ही RSS अपने कैडर को अयोध्या के फैसले को स्वीकार करने लिए देशव्यापी मुहीम भी चलाएगी।

संघ पदाधिकारियों ने भाजपा नेताओं से की चर्चा
राम मंदिर पर शीर्ष अदालत के फैसले के बाद RSS और उसके सहयोगी संगठनों को क्या कदम उठाना चाहिए, इसको लेकर संघ के उच्च पदाधिकारियों ने भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ विचार विमर्श किया। राम मंदिर पर आने वाले फैसले के बाद देश में शांति-व्यवस्था कायम रखने को लेकर एहतियातन किए जाने वाले उपायों पर भी इस मीटिंग में चर्चा हुई। संघ इसके लिए अपने कैडर को अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने के लिए बकायदा अभियान भी चलाएगा।

जो भारत के नागरिक नहीं उसे देश से बाहर निकालें..
NRC के मुद्दे पर भी RSS की बैठक में चर्चा हुई। RSS देश में घुसपैठियों की पहचान कर उचित कार्रवाई करने के लिए देश भर में NRC लागू किए जाने की इच्छा हटाई है। सूत्रों की मानें तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने संघ ने स्पष्ट कर कर दिया है कि सरकार का काम देश में रहने वाले लोगों को चिन्हित करे और जो भारत के नागरिक नहीं हैं, उसे देश से बाहर निकालें। उन्होंने कहा कि यह किसी भी ‘वर्ग विशेष के विरुद्ध’ नहीं है। असम की तर्ज पर NRC जैसी प्रक्रिया पूरे देश में लागू की जानी चाहिए।

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