एक अहम मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई कि जम्मू-कश्मीर के 10 सांसदों के संसद भवन में प्रवेश करने पर रोक लगाई जाए। याचिका में कहा गया है कि राज्य का बंटवारा हो चुका है, लेकिन 10 सांसद अपने पद पर जमे हुए हैं, जबकि संसद में उनके प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अलगाववादी नेता अब्दुल गनी बट की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि लोकसभा के छह सांसद और राज्यसभा के चार सदस्य अवैध रूप से अपने पद पर बने हुए हैं। कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद औैर जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के चेयरमैन फारूक अब्दुल्ला सहित कुछ नेता जनता के पैसे पर अपनी तनख्वाह और सुविधाओं का लुत्फ उठा रहे हैं। केंद्र सरकार को आदेश जारी किया जाए कि जम्मू-कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य के इन 10 सांसदों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए क्योंकि संसद में इनकी मौजूदगी अनैतिक, अवैध और असंवैधानिक है।

सांसद को जो भी तनख्वाह और अन्य सुविधाएं मिलती हैं, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी जाए। पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेकर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। एक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर है और दूसरा लद्दाख।

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