दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को पुलिस को उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा प्रभावित लोगों के पुनर्वास एवं उपचार के लिए उठाए गए कदमों पर स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली पुलिस को अदालत के 26 फरवरी के आदेश के अनुपालन में उसके द्वारा उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट दायर करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश में पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कुछ निर्देश जारी किए गए थे।

अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल तय की है। दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (फौजदारी मामलों के) राहुल मेहरा ने अदालत को रविवार शाम राष्ट्रीय राजधानी के अन्य इलाकों में फैली अफवाहों के बारे में सूचित किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसी अफवाहों से निपटने में अच्छा काम कर रही है। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि हेल्पलाइनों की मौजूदा संख्या पीड़ितों द्वारा की जा रही कॉलों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। अदालत घायलों के लिए एंबुलेसों के सुरक्षित निकलने और हिंसा प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए तत्काल आदेश देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उत्तरपूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान कम से कम 42 लोगों की मौत हुई और 200 से अधिक लोग घायल हुए।

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