कुछ समय पहले ही हैदराबाद सामूहिक दुष्कर्म और हत्या समेत महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के कई अन्य मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि महिला सुरक्षा एक उच्च प्राथमिकता है। वहीं सरकार ने बताया कि देशभर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यौन अपराधियों पर एक डेटाबेस लॉन्च करने सहित महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि आपराधिक कानून (संशोधन), अधिनियम 2013 को यौन अपराधों को रोकने के लिए लागू किया गया है।

दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड की सजा
जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि 5 साल बाद, आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 में 12 साल से कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड सहित और भी कड़े दंडात्मक प्रावधान बनाए गए। इस अधिनियम में प्रत्येक 2 महीने के भीतर जांच पूरी होने और परीक्षण को अनिवार्य किया गया है। इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम सभी आपात स्थितियों के लिए पैन-इंडिया, एकल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फोन नंबर (112) आधारित प्रणाली प्रदान करता है।

साइबर-अपराध पोर्टल लॉन्च
इसमें यह भी कहा गया है कि स्मार्ट पुलिसिंग और सुरक्षा प्रबंधन में सहायता के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से आठ शहरों – अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई में पहले चरण में सेफ सिटी प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं। नागरिकों को अश्लील सामग्री की रिपोर्ट करने के लिए गृह मंत्रालय (MHA) ने 20 सितंबर, 2018 को एक साइबर-अपराध पोर्टल लॉन्च किया।

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