दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को तलब किया है। मंगलवार को मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने नया मामला दर्ज किया, जिस पर आज सुनवाई होगी। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की विशेष पीठ ‘दिल्ली व आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण का चिंताजनक स्तर’ नाम से इस मामले की सुनवाई प्रदूषण पर विचाराधीन अन्य मामलों के साथ करेगी।

कचरा जलाने पर अंकुश
वहीं राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने कहा कि हवा की गुणवत्ता महज एक दिन में ही नहीं बिगड़ी है। यह कानून को लागू करने में लगातार अनदेखी का परिणाम है। इसके साथ ही एनजीटी ने कचरा जलाने पर अंकुश लगाने के लिए प्राधिकरणों को ड्रोन का उपयोग करने का सुझाव दिया है। एनजीटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की बेंच ने वायु प्रदूषण पर मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को सुनवाई की।

कूड़ा जलने से रोकने के लिए ड्रोन का उपयोग
इस दौरान बेंच ने दिल्ली में कचरा जलाने की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि, कानून के कार्यान्वयन में क्या कमी है? लोग खुले में कूड़ा जला रहे हैं, हमने अपनी आंखों से देखा है। इस प्रॉब्लम का स्थायी सॉल्यूशन ढूंढना होगा। प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर इसे रोका जा सकता है। कूड़ा जलने से रोकने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है। ड्रोन की सहायता से आसानी से उन स्थानों का पता लगाया जा सकेगा, जहां खुले में कचरा जलाया जाता है।

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