रविवार को आरएसएस के महासचिव भैयाजी जोशी ने गणतंत्र दिवस पर नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में तिरंगा फहराया है। इस महत्वपूर्ण समय काफी सारे स्‍वयंसेवक मौजूद रहे। बता दे कि इस मौके पर काफी इससे पहले गोरखपुर में संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा था कि जातपात, विषमता, अस्पृश्यता जैसे सामाजिक विकार जल्द से जल्द समाप्त होने चाहिए। कुछ विकृतियों की वजह से न केवल सामाजिक तानाबाना टूटा है बल्कि समाज को तोड़कर विपरीत संवाद खड़ा करने का भी प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में विकृतियों को समाप्त करना, समाज का मन बदलना और विपरीत संवाद को समाप्त कर सामाजिक समरसता कायम करना स्वयंसेवकों की जिम्मेदारी है। सामाजिक अहंकार और हीनता के भाव पर भी तत्काल विराम लगना चाहिए।

बता दें कि, मोहन भागवत शनिवार को आरएसएस उत्तर प्रदेश पूर्वी क्षेत्र के स्वयंसेवकों की बैठक के दूसरे दिन सामाजिक समरसता विषय पर चर्चा कर रहे थे। बैठक में पूर्वी उत्तर प्रदेश की क्षेत्र कार्यकारिणी, अवध, काशी, गोरक्ष, कानपुर प्रांत टोली, प्रांत कार्यकारिणी, गतिविधियों (पर्यावरण, सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, धर्म जागरण, समग्र ग्राम विकास व गो सेवा) की प्रांत टोली मौजूद रही।

इस मामले को लेकर सरसंघचालक ने कहा था कि कार्यकर्ता बिना किसी प्रचार व शासन सत्ता के सहयोग बिना समाज के सज्जन लोगों को साथ मिलाकर परिवर्तन की गतिविधियों में जोड़ने का काम करें. ऐसा माहौल बनाएं कि पूरा समाज भेदभाव को भुलाकर समरस भाव से खड़ा हो। उन्होंने पौधारोपण, जल संरक्षण, प्लास्टिक मुक्त समाज बनाने के साथ जैविक खेती को भी प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। आदर्श और उन्नत खेती के लिए उन्होंने स्वच्छता, स्वाध्याय, तप, सुधर्म और संतोष के पांच नियमों का पालन करने की अपील की।

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