साल 2012 में निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति के पास पहुंचते ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी की तैयारी शुरू कर दी है। याचिका खारिज होते ही अदालत से डेथ वारंट लिया जाएगा, जिससे फांसी देने का रास्ता साफ हो जाएगा। तिहाड़ जेल के पास अपना जल्लाद नहीं है। इसलिए जेल प्रशासन ने दक्षिण भारत और उत्तर प्रदेश की कई जेलों के अधिकारियों ने बातचीत शुरू कर दी है।

फांसी देने की प्रक्रिया शुरू
जेल सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका खारिज होते ही फांसी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अदालत के डेथ वारंट के बाद तिहाड़ में दोषियों को फांसी दी जाएगी। इससे पहले, अफजल गुरु को फांसी देने के समय भी तिहाड़ जेल के पास कोई जल्लाद नहीं था। उस समय जेल अधिकारियों में से किसी एक ने फांसी दी थी। जहां मौजूदा हालात में जेल प्रशासन किसी भी जल्लाद की नियुक्ति नहीं कर सकता।

जेलों से जल्लाद को बुलाया जाएगा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फांसी के लिए उसे किसी अन्य जेल से ही जल्लाद को बुलाना पड़ेगा। वहीं फांसी कभी-कभार दी जाती है। ऐसे में जल्लाद की स्थायी नियुक्ति की जरूरत नहीं पड़ती। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों के जेलों से जल्लाद को बुलाया जाएगा। दया याचिका खारिज होने के बाद ही इस पर कोई बातचीत होगी।

चारों दोषियों पर सीसीटीवी कैमरे से रखी जा रही नजर
जेल सूत्रों का कहना है कि दया याचिका भेजे जाने के बाद से ही निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के चारों दोषियों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है। जेल के कर्मचारी उनके पास जाकर उनसे बातचीत कर रहे हैं। वहीं दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के चेहरे पर तनाव साफ दिख रहा है। हालांकि विनय राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के मामले में जेल अधिकारियों से लगातार बातचीत कर रहा है।

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