देश में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर अक्सर बहस होती है। कमजोर सरकारी ढ़ाचे के कारण इनकी गुणवत्ता पर हमेशा प्रश्न उठते रहे हैं। इसलिए अब स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा के लिए नीति आयोग ने शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक बनाना शुरू किया है। इस तरह का सूचकांक पहली बार जारी किया गया है। इस सूचकांक में पहले स्थान पर केरल, दूसरे पर राजस्थान और तीसरे स्थान पर कर्नाटक है। इस सूची मे 20 राज्य शामिल हैं। जिसमे उत्तर प्रदेश आखिरी पायदान पर है।

सूचकांक जारी…
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत और मानव संसाधन विकास स्कूली शिक्षा सचिव रीना रे की मौजूदगी में इस सूचकांक को जारी किया। इस सूची में हर तरह के प्रदर्शन में केरल पहले, राजस्थान दूसरे और कर्नाटक तीसरे स्थान पर है। वहीं उत्तर प्रदेश अंतिम पायदान पर है। स्कूली शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक का संदर्भ वर्ष 2016-17 और आधार वर्ष 2015-16 को लिया गया है।

राज्यों के बीच बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा
राजीव कुमार का कहना है कि इस सूचकांक के जारी होने से राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इस क्षेत्र में बढ़िया करने की प्रेरणा मिलेगी। लगातार सुधार (इंक्रिमेंटल परफॉर्मेंस) रैंकिंग में हरियाणा पहले, असम दूसरे और उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा। छोटे राज्यों के संपूर्ण प्रदर्शन श्रेणी में मणिपुर शीर्ष पर है, जबकि त्रिपुरा दूसरे और गोवा तीसरे स्थान पर रहा। मेघालय को इंक्रिमेंटल परफॉर्मेंस रैंकिंग में पहला स्थान मिला। उसके बाद नगालैंड और गोवा का स्थान रहा है। रीना रे के अनुसार इस वक्त देश में 11.85 लाख स्कूल हैं, जिनमें शिक्षकों की भारी कमी है।

Previous articleसबसे बड़े राज्य यूपी में लागू होगा NRC
Next articleनवनियुक्त एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने पाक को दी चेतावनी..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here