देश जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने की तैयारियों में लगा हुआ था, तभी पहली अक्टूबर को बगैर किसी पूर्व सूचना के सरकार ने शहर के हज भवन के पास बनी झुग्गी-झोपड़ियों पर बुलडोज़र चलवा दिया। गनीमत यह रही कि पटना की बाढ़ के कारण ये लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे, किन्तु फिर भी इस कार्यवाही में अपने ढाई महीने के बच्चे के साथ एक महिला अपनी झुग्गी में ही फंस गई, किसी तरह उसे बचाया जा सका।
बिना नोटिस दिए उजाड़ दी कई झोंपड़ियां..
सरकार की असंवेदनशीलता की हद है कि इन लोगों को किसी प्रकार की राहत देने की जगह उनके आशियाने उजाड़ दिए गए। जिस समय इन झुग्गियों पर बुलडोज़र चलाया जा रहा था, उसी वक़्त 27 वर्षीय खुश्बू अपने ढाई महीने के बच्चे के साथ घर में फंस गई थी। झुग्गियों में रहने वाले राजेश का कहना हैं कि उनकी स्थिति देखने-सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने बताया, झुग्गियां उजाड़ने के लिए उन्हें किसी तरह का कोई नोटिस नहीं दिया गया। पहले हम वहां रहते थे जहां आज इको पार्क है, किन्तु सरकार ने वहां भी हमारे घर उजाड़ दिए थे। इसके बाद हम यहां आकर रहने लगे थे, किन्तु अब इन्हें भी उजाड़ दिया गया है। ऐसे में हम कहां जाएं?
बेघर हुए कई लोग..
इन्हीं झुग्गियों में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला कहती है कि, हमारे पास कोई घर नहीं है, हम बेघर लोग हैं। यदि सरकार हमें रहने का ठिकाना उपलब्ध कराए तभी हम कहीं जा सकते हैं। फिलहाल इन लोगों ने हज भवन के पास फुटपाथ पर अपने टैंट आदि लगा लिए हैं।