पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को भारत पर जम्मू-कश्मीर की ‘जनसांख्यिकीय संरचना को गैर कानूनी रूप से बदलने’ का आरोप लगाया। साथ ही नए अधिवास नियम को ‘अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन’ करार दिया। भारत सरकार ने बुधवार को नए अधिवास नियमों को जारी किया, जिसके तहत इसमें उनको भी मूल निवासी का दर्जा मिलेगा जो केंद्र शासित प्रदेश में 15 साल से रह रहा है। विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ” यह गैर कश्मीरियों को इस क्षेत्र में बसाने के लिए भारत का एक और गैर कानूनी कदम है।”

इसमें कहा गया, ” यह चौथी जिनेवा संधि समेत अंतरराष्ट्रीय कानूनों का साफ उल्लंघन है।” विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ”इस भारतीय कदम का तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया और भारत को इस क्षेत्र में जनसांख्यिकीय बदलाव से रोकने की मांग की।” नये कानून के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रहने वाला या सात साल तक पढ़ाई करने वाले और किसी शैक्षणिक संस्थान में दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की परीक्षा देने वाला कोई भी व्यक्ति मूल निवासी है। इससे पहले भी पाकिस्तान पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के फैसले को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को घेरने का असफल प्रयास कर चुका है।

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