उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि 2015 में पाटीदार आरक्षण आन्दोलन के दौरान हिंसा से संबंधित मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज करने के उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ दायर अपील पर 20 मार्च को सुनवाई की जायेगी। न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ के समक्ष गुजरात उच्च न्यायालय के 17 फरवरी के आदेश के खिलाफ हार्दिक पटेल की अपील सुनवाई के लिये आयी थी।

शीर्ष अदालत ने 2015 में दर्ज इस मामले में हार्दिक पटेल को 28 फरवरी को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुये जांच के नाम पर पांच साल तक मामले पर बैठे रहने के लिये गुजरात पुलिस को आड़े हाथ लिया था। शीर्ष अदालत ने पुलिस से जानना चाहा था कि उसे इस मामले में पूछताछ के लिये पटेल को समन या नोटिस क्यों नहीं जारी किया। पुलिस ने न्यायालय से कहा था कि पूछताछ के लिये हार्दिक पटेल को नोटिस भेजे गये थे परंतु वह नहीं मिले।शीर्ष अदालत ने हार्दिक पटेल की याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी कर उससे जवाब मांगा था। पाटीदार अनामत आन्दोलन समिति के तत्वाधान में पटेल ने सरकारी नौकरियों में अपने समुदाय के लिये आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आन्दोलन के हिस्से के रूप में अहमदाबाद में एक रैली का आयोजन किया था। पुलिस ने इस मामले में गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी क्योंकि उसके अनुसार आयोजकों के पास इसकी आवश्यक अनुमति नहीं थी।

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