जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) फारूक अब्दुल्ला को सर्वोच्च न्यायालय ने करारा झटका दिया है। अदालत ने फारूक अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका ठुकरा दी है। आपको बता दें कि जम्म्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली 370 को निरस्त किए जाने के बाद MDMK प्रमुख वाइको सहित कई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
याचिकाओं में फारूक अब्दुल्ला को पेश करने की बात..
इन याचिकाओं में फारूक अब्दुल्ला को पेश करने की बात कही गई थी। वाइको ने अपनी याचिका में कहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला से संपर्क नहीं हो पा रहा है, उन्हें जम्मू कश्मीर में धारा 370 को समाप्त किए जाने का बाद हाउस अरेस्ट में रखा गया है। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू कश्मीर पर दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार को आदेश जारी किया है कि जम्मू कश्मीर के सभी जिलों के प्राइवेट स्वास्थ्य केन्द्र, निजी-सरकारी अस्पताल आदि में लैंडलाइन फोन और हाई-स्पीड की सेवा पुनः शुरू की जाए।
5 अगस्त से हाउस अरेस्ट हैं पूर्व सीएम
बता दें कि जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए गए हैं। पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में लिए जाने वाले व्यक्ति को 2 वर्ष तक बगैर किसी सुनवाई के हिरासत में लिया जा सकता है। राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला पिछले महीने 5 अगस्त से हाउस अरेस्ट हैं। किन्तु अब्दुल्ला पर पीएसए के तहत कुछ दिन पहले ही मामला दर्ज किया गया है।