बिहार में 15 वर्ष से अधिक पुराने व्यवसायिक और सरकारी गाड़ियां सात नवंबर से नहीं चलेंगी। इसके साथ ही 15 वर्ष से पुराने निजी वाहनों की फ़िटनेस की जांच दोबारा की जाएगी। बिहार के CM नीतीश कुमार ने सोमवार को वायु प्रदूषण को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि जो भी किसान पराली जलाएंगे, उन्हें कृषि संबंधित सब्सिडी नहीं मिलेगी।

सब्सिडी आम किसान के लिए नहीं
बिहटा के किसान नेता आनंद कुमार का कहना हैं कि, पहली बात सब्सिडी तो केवल बड़े किसान के लिए है, आम किसान के लिए तो है ही नहीं। बाक़ी पराली जलाने से यदि प्रदूषण फैलता है तो सबसे अधिक प्रदूषण गांव में होना चाहिए, हमारे गांव अमहारा में तो बिलकुल प्रदूषण नहीं है। सरकार चाहे तो जांच करा लें। सरकार ने पराली को ठिकाने लगाने का क्या इंतज़ाम किया है?

गाइडलाइन जारी
बता दें कि तीन नवंबर को भी छठ महापर्व दौरान उगते सूर्य को अर्घ्य देने के वक़्त भी सूर्य नज़र नहीं आए थे। जिसके कारण कई व्रती अर्घ्य देने के लिए नदी घाटों पर सुबह आठ बजे तक प्रतीक्षा करते रहे। प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक कुमार बताते हैं कि, शहर में ऑटो रिक्शा, सिटी बस में लोग कैरोसिन तेल से चलाते हैं, जिस पर एक्शन लिया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश ख़ासतौर पर पटना शहर के आसपास के ईंट भट्ठों की जांच के साथ साथ जहां निर्माण कार्य चल रहा है, वहां के लिए गाइडलाइन जारी की गई है।

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