निर्यातकों से वसूली में आ रही कठिनाइयों का जिक्र करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रमुख रजनीश कुमार ने गुरुवार को निर्यात वित्तपोषण के तरीकों में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि बीमा कवर को 90 प्रतिशत तक बढ़ाकर निर्यातकों की लागत में कमी और उनके कारोबार में तेजी लाई जा सकती है।

कुमार ने प्रमुख निर्यात संस्था फियो द्वारा आयोजित एक बैंकिंग सम्मेलन में कहा, “निर्यातकों के बिल या देनदारियों की विधि को बदलना होगा। जब इसमें सहयोगी या अनुषंगी इकाईयां शामिल होती हैं, जहां सहयोगियों या सहायक कंपनियों के माध्यम से कारोबार किया जाता है, ऐसे मामलों में हमारा अनुभव बेहद खराब रहा है,।” उन्होंने कहा कि कि निर्यातकों को धन देते समय बंधक या गिरवी से बैंकों को कुछ राहत मिलती है, लेकिन वसूली के मामले में ये बहुत मददगार नहीं होते हैं। उन्होंने कहा, “कई विवाद हैं और बंधक से वसूली करने में लंबा समय लगता है। मुझे नहीं लगता कि यह आपको किसी तरह की सहूलियत देता है, जो सिर्फ समय पर कर्ज के भुगतान से ही मिल सकता है।” उन्होंने कहा कि भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम द्वारा बीमा कवर को 90 प्रतिशत तक बढ़ाने से बैंक निर्यातकों से ली जाने वाली गारंटी में कमी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि बैंक इस बात पर सहमत हैं कि यदि निर्यातकों के लिए बीमा कवर को 90 प्रतिशत तक बढ़ाया जाता है तो वे कर्ज सस्ता कर देंगे।

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