देशव्यापी लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच संभल, उप्र के इस कोरोना योद्धा की कहानी, इन जैसे उन लाखों कर्मवीरों के त्याग और समर्पण को सामने लाती है, जो इस जंग में दिन-रात डटे हुए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात इस वाहन चालक ने गाड़ी को ही अपना आशियाना बना लिया है। 24 घंटे सेवा में तत्पर रहता है। अपने परिवार से भी दूरी बना ली है। रात को गाड़ी में सोता है। तय कर लिया है कि जंग को जीत कर ही घर लौटेगा। जिले में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मी जहां संक्रमण को रोकने के लिए पूरे मनोयोग से जुटे हुए हैं, वहीं इस तरह के विभिन्न दायित्वों को निभाने वाले अनेक कर्मवीरों की भी पूरी फौज इनका हरसंभव साथ दे रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. नीरज शर्मा की टीम को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का जिम्मा है विभाग के वाहन चालक बाबू भारती का। बाबू भारती 23 मार्च से लगातार काम कर रहे हैं। इस दौरान वह अपने घर भी नहीं गए हैं। बाबू की मानें तो वह रात को गाड़ी में ही सोते हैं और यदि दोपहर में समय मिलता है तो सीट पर लेटकर आराम कर लेते हैं. सुबह उठने के बाद आसपास क्षेत्र में चल रहे किसी ट्यूबवेल पर नहा कर कपड़े बदल लेते है और पुराने कपड़ों को धोकर सुखा लेते हैं। दो-तीन जोड़ी कपड़े उन्होंने गाड़ी में ही रखे हुए हैं। इन्हीं से काम चल रहा है। नाश्ता-खाना भी विभाग में उपलब्ध हो रहा है।
अपने बयान में बाबू भाई ने कहा, संकट का समय है। ऐसे में मैं अपनी ड्यूटी कर रहा हूं ताकि मेरे कारण विभाग के काम में कहीं कोई बाधा न आने पाए। हां, अपने परिवार से दूरी बनाए हुए हूं ताकि उन्हें संक्रमण के खतरे से दूर रख सकूं। स्वजनों की याद आने पर फोन पर बात कर लेता हूं। गांव मंडी किशनदास सराय के रहने वाले बाबू भारती के परिवार में पत्नी बिलकिस, दो बेटियां चांदनी व आशिया और एक बेटा इस्लाम हैं।