उत्तरप्रदेश में योगी सरकार में अब जिलों से ‘वीआइपी’ का तमगा तो हटा दिया गया है, लेकिन बड़े कद के नेताओं के राजनीतिक क्षेत्र चर्चा में जरूर रहते हैं। इस लिहाज से यदि बजट के आवंटन पर गौर करें तो महसूस होता है कि सरकार ने पार्टी में भी ‘सबका साथ, सबका विकास’ का संदेश देने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री के क्षेत्र के हिस्से में दो-दो नई योजनाएं प्रमुखता से आई हैं।

राजनीति में यूपी का दमखम
बता दें कि, देश की राजनीति में यूपी का दमखम इसलिए भी पूरा है, क्योंकि सियासत के कई बड़े चेहरे यहीं से चमक रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य तो गुजरात है, लेकिन वह उत्तर प्रदेश की बनारस लोकसभा सीट से सांसद हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का संसदीय क्षेत्र लखनऊ है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक क्षेत्र और गृह जनपद गोरखपुर है।

दो सौ करोड़ रुपये आवंटित
सभा पटल पर पेश किये गए इस बजट में प्रधानमंत्री के क्षेत्र में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर विस्तारीकरण और सुंदरीकरण के लिए दो सौ करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हालांकि यह योजना पहले से संचालित है। मगर, बनारस में सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना और काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना, दो नई योजनाएं हैं। मुख्यमंत्री के क्षेत्र गोरखपुर के लिए आयुष विश्वविद्यालय और रामगढ़ ताल में वाटर स्पोर्ट्स की योजनाएं नई हैं। वहीं, रक्षामंत्री के क्षेत्र और प्रदेश की राजधानी लखनऊ पर धनवर्षा तो कई मदों में हुई है लेकिन, बड़े कद की हिस्सेदारी में नई योजनाओं के रूप में सेफ सिटी लखनऊ योजना और उप्र पुलिस फोरेंसिक विश्वविद्यालय को लिया जा सकता है।

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