हाल ही में पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, राज्य में इंटरनेट बंद रहने से कई बड़े आतंकी हमले रोके गए हैं। आतंकवाद में इंटरनेट का दुरुपयोग किया जा रहा था। आम लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इंटरनेट बंद रखा गया है। इससे आतंक विरोधी अभियानों में कामयाबी मिली है। जी हाँ, डॉ. सिंह ने बीते मंगलवार को डोडा और किश्तवाड़ की अलग-अलग दिशा बैठकों में बोल रहे थे और इस दौरान उन्होंने कहा कि, परिहार बंधुओं और चंद्रकांत, के हत्यारों की शिनाख्त करने में सफलता मिली, यह इंटरनेट बंद होने से मुमकिन हो पाया है।
इसी के साथ उन्होंने कहा, किश्तवाड़ और चिनाब वैली में आतंकवादी गतिविधियों पर भी रोक लग पाई है और कश्मीर में इंटरनेट का सहारा लेकर कई लोग राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। आतंकवाद के नाम पर लोगों को तीन दशक से गुमराह किया जा रहा है। वहीं राष्ट्रवाद और देशभक्ति के नाम पर कई स्वयंभू नेता इंटरनेट बंद रहने से स्वार्थी बयान दे रहे हैं और उन्होंने कहा कि, इंटरनेट बंद रहने से लखनपुर में आतंकवादी पकड़ में आए थे। इसी तरह बटोत में भी आतंकियों की शिनाख्त की गई थी, क्योंकि वे इंटरनेट बंद रहने से अपनी सही लोकेशन का पता नहीं लगा पाए थे। बार्डर पर घुसपैठ की कोशिशों को भी नाकाम बनाया गया है। राज्य में इंटरनेट सेवा बंद रहने से आतंकी घुसपैठ के रास्तों की लोकेशन का पता नहीं लगा पाए हैं।
आगे उन्होंने कहा कि, इंटरनेट बंद रहने के बावजूद आयुष्मान भारत योजना में देश में जम्मू-कश्मीर उच्च प्रतिशत हासिल करने में पहला राज्य बना है। इसके अलावा कठुआ, डोडा और उधमपुर में केंद्रीय प्रायोजित तीन सरकारी कॉलेज मंजूर किए गए हैं। बता दें कि भद्रवाह में अपनी तरह का पहला नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाई आल्टीट्यूड मेडिसन खोला जा रहा है और भद्रवाह से 65 वर्ष में कई मुख्यमंत्री, केंद्र और राज्य मंत्री रहे हैं। ऐसे में किश्तवाड़ के पाडर क्षेत्र को पूर्व सरकारों ने नजरअंदाज कर दिया है।