अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर मामले पर आखिरकार फैसला हो चुका है। इस फैसले के चलते उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। आपको बता दें कि अयोध्या मामले पर 6 अगस्त से रोजाना 40 दिनों तक सुनवाई हुई। जिसके बाद 17 अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई पूरी हुई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज 9 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। ऐसे में राम मंदिर मामले पर फैसला आते ही मुस्लिम पक्ष ने बड़ा बयान दिया है।

मुस्लिम पक्ष की तरफ से बड़ा बयान
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने राम मंदिर मामले पर फैसला आते ही मुस्लिम पक्ष की तरफ से बड़ा बयान देते हुए कहा कि,”हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं।” बता दें कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसले में कहा कि विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी जाए। साथ ही उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में कहीं भी 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया है।

अयोध्या मामले पर फैसला
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। ऐसे में अपनी सेवानिवृत्ति से पहले ही उन्होंने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा है कि 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर सरकार का हक रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट आस्था नहीं सबूतों पर फैसला देती है। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू पक्ष ने कई ऐतिहासिक सबूत दिए हैं और प्राचीन यात्रियों ने भी जन्मभूमि का जिक्र किया है।

Previous articleLIVE: RSS Chief Mohan Bhagwat addresses and interacts with media on Ayodhya verdict of Supreme Court
Next articleअयोध्या पर फैसला आते ही आम आदमी के पूर्व नेता ने दिया ऐसा बयान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here