राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ने बृहस्पतिवार को लोकप्रिय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप ‘जूम’ के साइबर जोखिम के बारे में बृहस्पतिवार को चेतावनी दी। कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में बड़ी संख्या में पेशेवर घर से काम कर रहे हैं और वे इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। एजेंसी ने ऑपरेटर और उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए सुरक्षा उपायों को रेखांकित करते हुए एक परामर्श जारी किया। साइबर हमलों से निपटने वाली राष्ट्रीय एजेंसी ‘कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया’ (सीईआरटी-आईएन) ने कहा कि ‘डिजिटल एप्लिकेशन’ का सुरक्षा उपायों के बिना उपयोग साइबर हमलों की दृष्टि से जोखिम भरा हो सकता है। इससे साइबर अपराधियों द्वारा कार्यालय की संवेदनशील सूचनाओं को लीक किये जाने का खतरा भी बना रहता है। परामर्श में कहा गया है, ‘‘कई संगठनों ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी है।

जूम, माइक्रोसॉफ्ट टीम, सिस्को वेबएक्स जैसे ऑनलाइन संचार मंचों का वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठकों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें कहा गया है, ‘‘ ऑनलाइन मंच (जूम) का असुरक्षित उपयोग साइबर अपराधियों को महत्वपूर्ण सूचनाओं और वार्तालाप जैसी संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने की अनुमति दे सकता है।’’ एजेंसी ने जूम से होने वाली बैठकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कुछ उपाय सुझाये है जिनमें जूम सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखने को कहा गया है। इसके अलावा सभी बैठकों तथा वेबिनार्स के लिए हमेशा ऐसा पासवर्ड बनाने को कहा गया है जो मुश्किल हो और जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सके। इसमें कहा गया है, ‘‘यह विशेष तौर पर उन बैठकों के लिए जरूरी है जहां संवेदनशील सूचना पर चर्चा की जा रही हो।’’कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश में 25 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है। इसके बाद भारत में लाखों पेशेवर घर से काम कर रहे हैं।

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