मदरलैंड संवाददाता, पटना।
बिहार के भूमिहीन परिवारों के लिए बिहार सरकार ने बड़ी घोषणा की है। भूमिहीन परिवारों को जमीन खरीदने के लिए बिहार सरकार की ओर से 60 हजार रू. दिए जाएंगे। बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बिहार में 20 हजार ऐसे लाभुकों को चिन्हित किया गया है जिनके पास मकान बनाने के लिए जमीन नहीं है। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास स्थल क्रय योजना के तहत प्रत्येक लाभुक को जमीन खरीदने के लिए 60 हजार रू. देने का निर्णय लिया है। अब तक 746 परिवार को 60 हजार रु. दिए भी जा चुके हैं। उन्होंने जमीन का बंदोबस्त भी कर लिया है। प्रधानमंत्री आवास निर्माण की भी स्वीकृति दे दी गई है। इस योजना के तहत 1लाख 20 हजार रू. देने का निर्णय लिया है। क्योंकि यह सभी मनरेगा के मजदूर हैं। इसलिए इन्हें अलग से 90 दिन की मजदूरी और शौचालय बनाने के लिए अलग से 12 हजार रु. दिए जाएंगे।
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा जिनके मकान 1 जनवरी 1996 से पहले बने हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ले लिया है तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। मंत्री ने कहा कि 2011 के सामाजिक आर्थिक जनगणना के आधार पर ही जमीन खरीदने की योजना के तहत 60 हजार की राशि दी जा रही है।
श्रवण कुमार ने कहा कि योजना के लिए लाभुकों को ग्राम पंचायत में आम सभा के माध्यम से परिवार को चिन्हित किया गया है। योजना का लाभ उठाने के लिए लाभुकों को पहले सीओ से यह सर्टिफिकेट लेना होगा कि उनका परिवार भूमिहीन है। सीओ के द्वारा प्रमाण पत्र मिलते ही लाभुक के खाते में 60 हजार की राशि चली जाएगी। जिससे वह परिवार जमीन खरीदकर उसकी रजिस्ट्री कराएगा। इसके बाद लाभुक जमीन की रजिस्ट्री के कागज के साथ अपने क्षेत्र के प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलेगा और उन्हें यह जानकारी देगा कि वह जमीन की रजिस्ट्री करा चुका है। साथ ही जमीन रजिस्ट्री के कागजात की छाया प्रति भी वीडियो को देना होगा। वीडियो से क्लीयरेंस मिलते ही लागू के खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली ₹120000 की राशि के साथ शौचालय बनाने के लिए 12000 और मनरेगा के मजदूर हैं तो ₹194 प्रतिदिन के हिसाब से 3 महीने की राशि भी उनके खाते में डाल दी जाएगी। गौरतलब है कि बिहार में 1 अप्रैल से मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को अब ₹194 की मजदूरी प्रतिदिन दी जा रही है।