मदरलैंड संवाददाता ग्वालपाड़ा मधेपुरा

कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर प्रधानमंत्री के द्वारा लॉक डाउन से ग्वालपाड़ा प्रखंड स्थित टेमा भेला पंचायत का मजदूर तब का सबसे ज्यादा प्रभावित है ।सामान्य और उच्च वर्ग के लोग लॉक डाउन में मिली ढील में घर का राशन खरीद पा रहे हैं ,लेकिन रोजाना मेहनत मजदूरी करने वाले लोग पैसे ना होने से भूखों मरने को मजबूर हैं ,उसका काम बंद हो चुका है ऐसे में पैसे नहीं होने से वे परेशान हैं, टेमा भेला में लॉक डॉन होने से हजारों मजदूर इस समय रोजी-रोटी के संकट में हैं। प्रशासन की टीम उन तक अभी तक मदद नहीं पहुंचा पाई है। वह गुहार लगा रहे हैं ,वहीं इस मामले में टेमा भेला पंचायत के वार्ड नंबर 4 निवासी कैलू ऋषिदेव से बातचीत हुई तो इनका कहना है कि वह ऐसे मजदूर हैं जो दिन भर कमाते हैं तो रात में चूल्हा जलता है ,लेकिन इस समय उनका कामकाज पूरी तरह से बंद चल रहा है। जो लोग उनके परिवार से बाहर कमाने गए थे ,वह भी वहां फंसे हुए हैं और परेशान हैं, इससे उनके खाने के लिए घर में राशन नहीं है ,मजदूरों का कहना है कि सरकार इस लॉक डाउन को हटाए तो वह अपनी मजदूरी करके पेट भर लेंगे, लेकिन लॉक डॉन नहीं हटा ,तो उनके लिए खाने पीने की सुविधा दे, बिहार सरकार द्वारा सुविधा देने का ऐलान किया गया परंतु जब उनको मिल जाए तब वह जाने । अभी तो बहुत मुश्किल दिख रहा है, जो लोग बाहर गए हैं वह बाहर में फंसे हुए हैं वह लोग वहां रो रहे हैं और भूख से तड़प रहे हैं ,जब बाहर से वे लोग परिवार को फोन करके अपनी दास्तान सुनाते हैं तो दिल भावुक हो जाता है। वही छोटेलाल पोद्दार से इस बारे में बात किया गया तो वे बताते हैं कि मैं ठेला लगाकर टोला टोला चाउमीन चार्ट और नाश्ता बेचता था । कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा लॉक डाउन आने के बाद हम लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं ,ठेला लेकर बाहर जाना तो दूर की बात है । कहीं भी बेचने के लिए नहीं जा पाते हैं ,जिससे मेरा आमदनी समाप्त हो गया है । जिससे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ,घर में जो भी राशन था वह समाप्त होने को है वही कुछ लोगों के तो चूल्हे जलने बंद हो रहे हैं ,खाने के लिए कुछ भी नहीं है ।लॉक डॉन के कारण भूखे प्यासे रहने पर मजबूर हैं ,एक तो सरकार घर से बाहर नहीं निकलने दे रही है और दूसरी तरफ कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है, गरीब लोगो की कौन सुनेगा ,हम लोग तो मजदूरी से ही पेट पालते हैं, अब मजदूरी भी नहीं लग पा रही है,और ऊपर से महंगाई भी हो गई है ।हम लोग बहुत परेशान हो रहे हैं अब पड़ोसियों के द्वारा दिए राशन सामग्री से चूल्हा जलता है सरकारी राशन का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है।वही सुखासन पंचायत स्थित वार्ड नंबर 11 महाराजगंज निवासी घनश्याम शर्मा से लॉक डाउन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे अपने परिवार के दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए लोगो के यहां मजदूरी पर लकड़ी के फर्नीचर बनाने का काम किया करता था, जब से प्रधान मंत्री के द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लॉक डाउन लगाया गया है, उस दिन से उनको मजदूरी नहीं मिल पा रहा है, और ना ही वे घर से बाहर निकल पा रहे है । जिससे उनको अपने परिवार के भरण पोषण में बड़ी समस्या हो रही है,दो वक्त का राशन नहीं मिल पा रहा है । इस संकट की घड़ी में कोई सुध लेने वाला नहीं है , औऱ ना ही सरकार के द्वारा कोई राशन वितरण किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि मैं सरकार से विनती करता हूँ कि गरीब मजदूर को राशन दे कर उन्हें भूखे मरने से बचाये। नहीं तो गरीब मजदूर कोरोना वायरस के संक्रमण से कम भूख से ज्यादा मरेंगे।

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