केन्‍द्रीय कैबिनेट ने दोहरे कराधान से बचाव और आय पर करों के संबंध में वित्‍तीय चोरी की रोकथाम के लिए भारत और श्रीलंका के बीच समझौते में संशोधन करने के प्रोटोकॉल पर दस्तखत करने और पुष्टि को बुधवार को स्वीकृति दे दी है।सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, दोहरा कराधान बचाव संधि (DTAA) में सामान्‍य दुरूपयोग रोधी प्रावधान किया गया है।

इससे कर नियमों में खामियों और विसं‍गतियों का फायदा उठाने वाली कर योजना युक्तियों पर रोकथाम लगाने में सहायता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि भारत और श्रीलंका के बीच मौजूदा DTAA पर 22 जनवरी 2013 को दस्तखत हुए थे और यह संधि 22 अक्‍तूबर, 2013 को लागू हुई थी। भारत और श्रीलंका समावेशी ढांचा के मेंबर हैं, इस वजह से इनसे समावेशी फ्रेमवर्क देशों के साथ अपने DTAA के संबंध में जी-20 OECD BEPS एक्‍शन रिपोर्ट के तहत न्‍यूनतम मानकों को लागू करना अपेक्षित है।

इसमें कहा गया है कि आधार कर चोरी रोकथाम और लाभ स्थानांतरण (MLI) या द्विपक्षीय अनुबंध के जरिए कर संधि से संबंधित उपायों को लागू करने के लिए बहुपक्षीय समझौते के जरिए BEPS एक्‍शन 6 के तहत न्‍यूनतम मानकों को पूरा किया जा सकता है। भारत MLI पर हस्‍ताक्षरकर्ता देश है। श्रीलंका अभी तक एमएलआई पर साइन न करने वाला देश है।

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