मदरलैण्ड संवाददाता, बेतिया
जनवितरण प्रणाली के अंतर्गत की दुकान पर तैनात है हड़ताली शिक्षक-शिक्षिका
मीडियाकर्मी, पुलिसकर्मी, प्रशासनिक अधिकारी व कर्मी, स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना वारियर्स
बेतिया।भारत में कोविड-19 कोरोना वायरस को लेकर घोषित “लॉक डाउन” को मीडियाकर्मी, पुलिसकर्मी, सरकारी प्रशासन से जुड़े अधिकारी व कर्मी, स्वास्थ्यकर्मी के अतिरिक्त खाद्य व आपूर्ति के क्षेत्र में काम करने वाले लोग जान हथेली में लेकर राष्ट्रहित व जनहित में कार्य करते नजर आ रहे हैं। ये सभी राष्ट्र की धरोहर हैं, जिन्हें कुछ लोग जानते और पहचानते रहते हैं, जिन्हें “कोरोना वारियर्स” कहा जा रहा है। आम ओ खास लोगों को खाद्य पदार्थ की कमी नहीं हो इसके लिए आपूर्ति विभाग में दैनिक मजदूरी पर काम करने मजदूर निर्धारित सीमा से अधिक काम कर रहे हैं। सम्पूर्ण भारत में जहाँ एक तरफ सभी विभाग में कार्य ठप्प है, वही दूसरी तरफ मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत मीडियाकर्मी, सुरक्षा व विधिव्यस्था के क्षेत्र में कार्यरत पुलिस अधिकारी, पुलिसकर्मी व प्रशासनिक अधिकारी, प्रशासनकर्मी, स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सक, चिकित्साकर्मी के साथ देश व राज्य में खाद्य आपूर्ति विभाग अपने दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। “लॉक डाउन” सभी कार्य ठप्प पड़ने की वजह से देशवासियों को भोजन के लिए अन्न की कमी नहीं हो इसके लिए आपूर्ति को लेकर काम करने वाले कर्मी निर्धारित सीमा से कई गुणा अधिक प्रतिदिन कार्य को अंजाम दे रहे हैं। आपूर्ति विभाग में काम करने वाले पदाधिकारी, कर्मी, पीडीएस डीलर, एफसीआई और एसएफसी के गोदाम में काम करने वाले प्रतिनियुक्त श्रमिक अपने घर-परिवार की फिक्र छोड़ खूब परिश्रम कर रहे है, अधिक कार्य करने में उन्हें हिचक भी नहीं हो रही है। उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी मेहनत से देश के लोगो को खाद्यान्न मिल जाता है तो इससे ज्यादा पुण्य का काम और क्या हो सकता है। इसलिए अधिक परिश्रम के बावदूद उनके कदम रुकने का नाम नहीं ले रहा है।केवल बेतिया के गोदाम पर 200 मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं। जिला मुख्यालय बेतिया स्थित भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में मजदूरों की संख्या बढ़ गयी है। गोदाम पर काम करने वाले श्रमिकों में सुनील कुमार, ओम प्रकाश, राजा कुमार, अजय कुमार, घनश्याम कुमार, अरुण कुमार बताते हैं कि उन्हें पहले की अपेक्षा कोविड 19 कोरोना वायरस संक्रमण काल में काफी ज्यादा कार्य करना पड़ रहा है। गोदाम में काम करने वाले मजदूर जब थक जाते हैं, उनकी काम करने की इच्छा नहीं रह जाती है, तो उन्हें इस बात का ख्याल आता है कि उसी खाद्यान्न से किसी भूखे व्यक्ति व परिवार को तृप्ति मिल जाएगी। यही सोचकर सभी मजदूर फिर जी जान से लग जाते हैं कि अब किसी परिवार के सदस्य को भूखा सोने नहीं देगा। निःस्वार्थ सेवा की यही भावना मजदूरों को पुनः रिचार्ज कर देती है और थकावट तुरंत खत्म हो जाती है और फिर मन में उत्साह भर जाता है। इस तरह जिला के प्रत्येक अनुमण्डल और प्रखंड में श्रमिक बंधू काम कर रहे हैं। उधर राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) गोदाम में मजदूरी करने वाले मजदूरों की संख्या 90 है जिसमे जयप्रकाश, तुलसी पासवान, हीरालाल पासवान, मिठू महतो, मुकेश कुमार व दशरथ पासवान मुख्य है। जिला मुख्यालय बेतिया स्थित एफसीआई गोदाम के स्थाई श्रमिकों की संख्या 49 है। कार्य के अनुरूप बाहर से लगभग 150 मजदूर मंगाने का कार्य गोदाम के मेठ और ऑल इंडिया फ़ूड कॉर्पोरेशन वर्कर्स यूनियन के जिलाध्यक्ष नागेश्वर पासवान करते हैं, जिन्हें दो से तीन रूपये प्रतिबोरा की दर से भुगतान मिलता है,। नागेश्वर पासवान ने वरीय पत्रकार अवधेश कुमार शर्मा को बताया कि एसएफसी गोदाम पर मनोज कुमार (एजीएम) और एफसीआई के सीडब्लूसी मनोज कुमार सभी मजदूरों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। गोदाम पर कार्यरत लगभग दो सौ नब्बे मजदूरों को सेनेटाइजर व साबुन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस वैश्विक महामारी के बीच मजदूरों का परिश्रम वाकई सराहनीय है। प्रत्येक पीडीएस दुकान पर शिक्षक-शिक्षिका प्रतिनियोजित किये गए हैं। लॉक डाउन में स्कूल बंद रहने के बावजूद शिक्षक-शिक्षिकाओं को जिला के प्रत्येक जनवितरण प्रणाली के अंतर्गत की दुकान पर मॉनिटरिंग करने के लिए प्रतिनियोजित हैं। शिक्षक-शिक्षिका भी हड़ताल के बावजूद आपदा की इस घड़ी में प्रसन्नतापूर्वक अपनी सेवा सरकार को दे रहे है। उनका कहना है कि प्रशासन ने हमलोगों को जिम्मेदारी सौंप दिया है कि किसी लाभुक को निर्धारित मात्रा से कम अनाज नही मिले। हमलोग सोसल डिस्टेस का अनुपालन कराकर खाद्यान्न का वितरण कराने में शिक्षक लगे हुए हैं।