श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने कहा है कि वह श्रीलंका को एक तटस्थ देश के तौर पर देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह भारत के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। इसी वजह से वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे कि किसी के हित को नुकसान पहुंचे। उन्होंने साफ कहा कि वह भारत-चीन के बीच चल रहे शक्ति संघर्ष के बीच में नहीं आना चाहते हैं। इसी महीने हुए राष्ट्रपति चुनाव में गोतबाया ने जीत हासिल की है। 18 सितंबर को उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। वह 29 नवंबर को अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के तौर पर भारत आने वाले हैं।
हम भारत और चीन दोनों से करीबी संबंध चाहते हैं…
अपने बयान में उन्होंने कहा, हम भारत के साथ एक मित्र राष्ट्र के रूप में काम करेंगे और ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे भारत के हितों को नुकसान पहुंचे। उन्होंने भारतशक्ति डॉट इन के नितिन गोखले और स्ट्रेटेजिक न्यूज इंटरनेशनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा, हम एक तटस्थ देश बनना चाहते हैं। इसके अलावा पिछले सप्ताह श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले राजपक्षे ने कहा, हम महाशक्तियों के शक्ति संघर्षों में नहीं पड़ना चाहते हैं। हम इतने छोटे हैं कि हम इन कृत्यों में पड़कर खुद को बनाए नहीं रख सकते हैं। राजपक्षे ने कहा कि हम भारत और चीन दोनों से करीबी संबंध चाहते हैं।
हम सभी देशों के साथ काम करना चाहते हैं…
साथ ही उन्होंने कहा, हम सभी देशों के साथ काम करना चाहते हैं और हम ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहते हैं जो किसी मामले में किसी अन्य देश को नुकसान पहुंचाए। हम भारत की चिंताओं को समझते हैं, इसलिए हम किसी भी उस गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते हैं जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा हो।