दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि बच्चों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला जा सकता और सीबीएसई उत्तर पूर्व दिल्ली के एक परीक्षा केंद्र पर बुधवार को होने वाली बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम बदलने पर फैसला जल्द से जल्द करे जहां नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फैली हिंसा में दस लोग मारे जा चुके हैं। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से परीक्षा के बारे में यथासंभव जल्द फैसला लेने और सभी पक्षों को जानकारी देने को कहा। अदालत मामले में बुधवार सुबह फिर सुनवाई करेगी। अदालत पूर्वी दिल्ली के सूर्या निकेतन स्थित निजी स्कूल भाई परमानंद विद्या मंदिर तथा दसवीं एवं बारहवीं के कुछ विद्यार्थियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने कहा गया है कि सीबीएसई ने उनके लिए जो केंद्र आवंटित किया है वह उनके स्कूल से 16 किलोमीटर दूर चंदू नगर-करावल नगर रोड पर है। यह इलाका हिंसाग्रस्त है। उन्होंने कहा कि उनके लिए हिंसक झड़पों के बीच परीक्षा केंद्र तक पहुंचना मुश्किल होगा।

उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि सीबीएसई को परीक्षा केंद्र न्यू संध्या पब्लिक स्कूल से बदलकर पूर्वी दिल्ली के किसी केंद्र पर करने का निर्देश दिया जाए जहां उचित सुविधाएं और सुरक्षा हो। बुधवार को कक्षा दसवीं की अंग्रेजी की और बारहवीं कक्षा की ‘वेब एप्लीकेशन’ और ‘मीडिया’ विषय की परीक्षा है। अदालत ने कहा कि प्रथमदृष्टया उसकी राय है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मद्देनजर चंदू नगर केंद्र पर परीक्षा नहीं कराई जा सकती। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने न्यायाधीश को बताया कि संबंधित क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों की सूचना के अनुसार हालात तनावपूर्ण हैं। अदालत ने कहा कि वह बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से विषय को देख रही है जिसे खतरे में नहीं डाला जा सकता।

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