देश की अदालतें मुकदमों के बोझ तले दबी हुई हैं। दिन प्रतिदिन लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस चुनौती से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सजा-ए-मौत और टैक्स के मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया है। शीर्ष अदालत ने शनिवार यानि कल इन मामलों की सुनवाई के लिए विशेष पीठों का गठन किया। एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, मौत की सजा के मामलों को देखने के लिए तीन जजों की एक पीठ अगले महीने से काम शुरू करेगी।

न्यायाधीशों की कुल संख्या 34
सूत्र के मुताबिक,दो न्यायाधीशों वाली पीठ की दो अदालतें कर से जुड़े मामलों पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में चार नए न्यायाधीशों – न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट, न्यायमूर्ति वी रामसुब्रह्मण्यम और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने 23 सितंबर को पद की शपथ ली और इसी के साथ शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 हो गई।

लेटलतीफ सुनवाई को लेकर उपराष्ट्रपति ने जताई चिंता
लंबित मामलों की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए, सुप्रीम कोर्ट ने सात साल तक की सजा के प्रावधान वाले अपराधों से संबंधित मामलों में जमानत एवं अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एकल न्यायाधीश वाली पीठ के गठन की 20 सितंबर को घोषणा की थी। संशोधित नियमों के अनुसार एकल न्यायाधीश वाली पीठ स्थानांतरण याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी। बता दें कि बीते दिनों उपराष्ट्रपति वैंकया नायडु ने सुप्रीम कोर्ट में लेटलतीफ सुनवाई को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने एससी को चार भागों में विभाजित करने का सुझाव भी दिया था।

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