शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने सामना में एक लेख के माध्यम से तीखा हमला किया है। संजय राउत ने लिखा कि, ‘आजादी की लड़ाई और देश के निर्माण में जिनका कोई योगदान नहीं था, वे लोग स्वातंत्र्यवीर को अपराधियों के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
संजय राउत ने सामना में लिखा कि, अब यह फैशन बन चुका है। वीर सावरकर को लेकर एक बार फिर घमासान मचा है वीर सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी इसलिए उनकी रिहाई हुई. सावरकर माफीवीर हैं, ऐसा इल्जाम बार-बार लगता रहा है। महात्मा गांधी, पंडित नेहरू के आजादी की लड़ाई में सहभाग को लेकर कई बार शंका जाहिर की गई लेकिन वीर सावरकर तथा उनके जैसे असंख्य सशस्त्र क्रांतिकारियों के हिस्से में जो यातनाएं, प्रताड़ना अंडमान की जेल में आईं, उस तरह की यातनाएं गांधी, नेहरू, बोस, सरदार पटेल के हिस्से में नहीं आईं।
संजय राउत ने लिखा कि, ‘कुछ क्रांतिकारी फांसी पर झूल गए। वीर सावरकर जैसे कुछ अंडमान की कालकोठरी में 14 सालों तक हर दिन फांसी पर झूलते रहे। वीर सावरकर अंग्रेजों से विशेष माफी मांगकर छूटे, यह अर्द्धसत्य है और मान लीजिए अंडमान से बाहर निकलने के लिए उन्होंने माफी का ‘दांव’ खेला ही होगा, तो उसमें कुछ गलत है, ऐसा मुझे नहीं लगता। सावरकर ने अंडमान से बाहर निकलने के लिए ‘माफी का ड्रामा’ किया होगा, तो यह डर के कारण नहीं अथवा देशविरोधी नहीं था। राजनीति में ऐसे कूटनीतिक दांव दुनियाभर में खेले गए।