नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर से मुस्लिम महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। इन महिलाओं की मांग है कि मोदी सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम को वापस ले। इसके साथ ही इनकी ये भी मांग है कि राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) लागू ना करने का सरकार आश्वासन दे तो वे अपना धरना समाप्त कर देंगी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी शाहीन बाग का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस मुद्दे पर बीते कई दिनों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बीच, शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को लेकर हिंदू सेना ने आपत्तिजनक बयान दिया है और कहा है कि वे 2 फरवरी को रोड खाली कराएंगे। हिंदू सेना ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को ‘जिहादी’ बताते हुए कहा है कि वह 2 फरवरी को सुबह 11 बजे शाहीन बाग के रास्ते खुलवाएगी।

हिंदू सेना की ओर से इसको लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है, जिसमें लिखा है, ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम के बहाने शाहीन बाग रोड जाम होने से लाखों लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। शाहीन बाग देश विरोधियों का ठिकाना बन चुका है। ये धरना प्रदर्शन PFI के दफ्तर के नीचे चल रहा है और PFI का नाम देश में हिंसा फैलाने में भी सामने आया है, इस संगठन का संबंध आतंकी संगठन सिमी से है।

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