बिहार में विपक्षी महागठबंधन ने शुक्रवार को राज्य सरकार पर दो केंद्रीय विद्यालयों के लिए जमीन देने का दबाव बनाया। इस मुद्दे पर विपक्षी महागठबंधन में शामिल रालोसपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा मंगलवार से आमरण अनशन कर रहे हैं। जहां बीते शुक्रवार को दोपहर के समय कुशवाहा के खराब होते स्वास्थ्य के कारण उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां उन्होंने अस्पताल में भी अपना अनशन जारी रखने की बात कही। वहीं अस्पताल ले जाए जाने से पहले मिलर हाईस्कूल के मैदान में वरिष्ठ नेता शरद यादव, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह और विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी ने कुशवाहा से भेंट की।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, नीतीश कुमार के केंद्रीय विद्यालयों के निर्माण की अनुमति नहीं देने के इस अड़ियल रवैये से ज्यादा हास्यास्पद कुछ नहीं हो सकता। उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा कि केंद्रीय विद्यालयों के निर्माण में कुशवाहा का कोई राजनीतिक लाभ नहीं हैं। जहां इससे बिहार के उन बच्चों को बहुत लाभ होगा जो पहले से ही राज्य में कमजोर शिक्षा प्रणाली से पीड़ित हैं। कुशवाहा के पास बिहार की 12 करोड़ जनता का समर्थन है। वहीं शरद यादव ने कहा कि केंद्र की इस सार्थक योजना पर राज्य सरकार की इस बचकानी जिद के पीछे के कारण को समझना मुश्किल है। केंद्र सरकार के अनुसार इन विद्यालयों में राज्य के 50 प्रतिशत से अधिक छात्रों को प्रवेश मिलेगा।
यदि बात करें सूत्रों कि तो साहनी ने कहा , कुशवाहा के इस आंदोलन को शुरु से ही मेरा समर्थन प्राप्त है। मैंने कहा था कि 29 नवंबर तक यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो मैं उनके साथ आमरण अनशन पर बैठूंगा। इस अनशन में मैं भी उनका उपवास कर उनका साथ दूंगा।

















