दशकों से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग अब पूरी हो चुकी है। अब इस मांग को पूरा होने के बाद एक नवंबर को लेह में लद्दाख डे मनाया जाएगा। लद्दाख आटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल (एलएएचडीसी) लेह ने इसकी बड़े स्तर पर तैयारी कर ली है। एलएएचडीसी लेह के इस भव्य आयोजन में स्थानीय प्रशासन और केंद्र से किसी मंत्री को भी आमंत्रित किया गया है।
प्राइड आफ लद्दाख कार्यक्रम की शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लेह में वर्ष 2016 में एक नवंबर को ‘लद्दाख पलरम दुस्तों’ यानी प्राइड आफ लद्दाख कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। हर साल एक नवंबर को इस आयोजन को बड़े स्तर पर मनाया जाता है। इसमें स्थानीय संस्कृति, भाषा और पहचान को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाता है। कार्यक्रम का थीम हर साल बदला जाता है लेकिन 31 अक्तूबर 2019 से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने जा रहा है।
1 नवंबर को मनाया जाएगा लद्दाख डे…
इस बात कों ध्यान में रखते हुए एलएएचडीसी लेह ने 1 नवंबर को स्थायी रूप से लद्दाख डे के तौर पर मनाने का फैसला किया है। एलएएचडीसी लेह के चेयरमैन और चीफ एक्जीक्यूटिव काउंसलर ग्याल पी वांग्याल ने बताया कि प्राइड आफ लद्दाख फेस्टिवल की जगह एक नवंबर को लद्दाख डे घोषित किया जा रहा है। इसकी तैयारी के लिए सात कमेटियां बनाई गई हैं। पांच हजार के करीब लोगों के आने की संभावना है। इस अवसर पर किंग सिंगे नामग्याल की प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एलएएचडीसी कारगिल के सदस्यों व गण्यमान्य लोगों को बुलाया गया है। केंद्रीय मंत्री की शिरकत भी हो सकती है।